खुलेआम मिलावटी मिठाइयों का कारोबार
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जौनपुर। दीपावली के ठीक पहले बाजारों व मिष्ठान भंडारों पर मिलावटी मिठाइयों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। ऐसे में अगर मिठाई की खरीदारी करने जा रहे हैं तो पहले सावधान हो जाइए। क्योंकि खोया व पनीर आदि से बनी मिठाइयों में जमकर मिलावट हो रही है। यह हम नहीं बल्कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की रिपोर्ट कह रही है। विभागीय छापेमारी में जनपद के विभिन्न मिष्ठान दुकानों पर की गई कार्रवाई में लिए गए छेना व पनीर की मिठाइयों के नमूनों में से 60 प्रतिशत जांचोंपरांत फेल हो चुके हैं और उन पर विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई है। इससे जाहिर होता है कि मिष्ठान दुकानों पर जमकर मिलावट हो रही है। बिडंबना तो यह है कि विभागीय छापेमारी के दौरान नमूने लिए जाने के बाद जांच में ही एक माह निकल जाता है। इस दौरान दुकानों पर वहीं मिठाइयों की बिक्री होती रहती है। जब तक रिपोर्ट आती है तो संबंधित नमूने फेल पाए जाते हैं और तब तक त्योहार बीत जाता है। इस तरह घर-घर में मिलावटी मिठाइयां पहुंच जाती हैं। चिकित्सक बताते है कि आजकल मिठाई में केमिकल के साथ ही कई अन्य चीजों का मिलावट किया जा रहा है। इस तरह की मिठाई के सेवन से लीवर में संक्रमण, पांचन तंत्र में गड़बड़ी तथा दस्त व पेट में दर्द संबंधित दिक्कतें होती है। केमिकल सिर्फ मिठाइयों को आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है जिसका बहुत ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। कुछ बड़ी दुकानों को छोड़ दें तो शहर व गांवों की अधिकांश दुकानों पर मिलावट वाली मिठाई ही दिख रही है। इसमें केमिकल आदि डालकर एक से एक रंगों वाली तैयार की गई मिठाई लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच ले रहीं लेकिन इसका स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव भी पड़ रहा है। चमकदार छेना बनाने के लिए दुकानदार आज सल्फ्यूरिक एसिड का प्रयोग कर रहे जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। बाजार में मिठाई की मांग को देखते हुए दूधिए नकली दूध आदि भी देने लगे हैं। इस तरह की मिलावट वाली मिठाई के प्रयोग से आंत व लीवर की बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है।