विधि विधान से की गई गोवर्धन पूजा
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जौनपुर । जिले में विधि-विधान से गोवर्धन पूजा की गयी। शुक्रवार को श्री रसिया
संकीर्तन मंडल के संस्थापक स्व. श्री गजेंद्र सिंह के आवास पर उनके
पुत्र शशांक सिंह रानू ने विधि विधान से गोवर्धन पूजा की। उन्होंने रसिया
के माध्यम से ब्रज की इस गोवर्धन लीला का वर्णन अन्नकूट के पावन पर्व पर
किया। कहा कि भगवान कृष्ण की बाललीलाओं के अंतर्गत श्री गोवर्धन लीला
बहुचर्चित लीला कन्हैया की है। एक बार प्रभु जब प्रात: उठे तो देखा की मां
यशोदा मुंह पर पट्टी बांधकर नाना प्रकार के पकवान बना रही है। कन्हैया के
पकवान मांगने पर यशोदा मैय्या जी ने मना कर दिया। कन्हैया नंद बाबा के पास
जाकर रोने लगे। कारण पूछने पर इंद्र की पूजा का वर्णन नंद बाबा ने कन्हैया
को बताया कि इंद्र हमारे प्रत्यक्ष देवता है और बादल वर्षा उन्हीं का रुप
है। इंद्र पूजा से प्रसन्न होकर जल वर्षा करते है तो हमारी भूमि हरी भरी हो
जाती है। कन्हैया ने कहा कि जो कर्म करते है ईश्वर उन्हीं को फल भी देते
है। हमारे प्रत्यक्ष देवता तो गिरीराज जी है श्री गोवर्धन नाथ जी इसलिए
हमें उन्हीं की पूजा करनी चाहिए मैं आपको वचन देता हूं कि हमारी पूजा से
गिरिराज गोवर्धन नाथ प्रसन्न होंगे, भोग करेंगे और इंद्र के प्रकोप से
हमारी रक्षा भी करेंगे। कन्हैया के इस विचार को समस्त ब्रजवासियों ने
स्वीकार कर श्री गोवर्धन जी की पूजा की। इंद्र को जब पता चला तो उन्होंने
सात दिन रात वर्षा की लेकिन कन्हैया ने गोवर्धन जी को नख पर धारण कर समस्त
ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का अभियान तोड़ दिया। इंद्र ने परमात्मा
से प्रार्थना किया, क्षमा मांगी और समस्त ब्रजवासियों को कन्हैया ने अपनी
प्रत्यक्ष पूजन का लाभ भी प्रदान किया। श्री गोवर्धन महराज की गोबर निर्मित
आकृति का दर्शन कर समस्त जनमानस भाव विभोर हो गये। कार्यक्रम में
राज्यमंत्री गिरीश यादव, श्याम मोहन अग्रवाल, राजेश सिंह, राज नारायण
शुक्ल, गिरीश चौबे, आचार्य डा. रजनीकांत, शम्भूनाथ टंडन, अमरनाथ मिश्र,
कन्हैया खन्ना, राधेरमण जायसवाल, संजय पाठक, निशाकांत द्विवेदी, मनोज
मिश्रा, आलोक सेठ, जगदीश गाढ़ा, राकेश जायसवाल, नीरज उपाध्याय, विनय बरौतिया
आदि ने श्री गोवर्धन की पूजा व परिक्रमा की।