शूगर बढ़ाता है मिलावटी छेने का रसगुल्ला
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जौनपुर। मिठाईयों में छैने का भी विशेष महत्व है। जिन्हें खोआ की मिठाई पसंद नहीं वह छैने के रसगुल्ले शौक से खाते हैं, लेकिन सस्ता और घटिया किस्म का यह रसगुल्ला आपको कई तरह की बीमारियां दे सकता है। अरारोट और मैदा से बना छैने का रसगुल्ला आपके शरीर में शुगर बढ़ाकर डायबिटीज का रोगी बना सकता है। शहर में छैने का कारोबार भी लाखों रुपये का है। सफेद रंग का छैने का रसगुल्ला 10 से 15 रुपये तक का बिकता है। इसके अलावा खोआ और क्रीम लगा रंग बिरंगा छैना भी इसके शौकीनों के मुंह में पानी ला देता है, लेकिन खाने से पहले वह इसका ध्यान नहीं रखते कि रसगुल्ले को सुर्ख लाल, औरेंज या पीला करने के लिए जिन रंगों को मिलाया जाता है, वे केमिकल से बनाए जाते हैं जो शरीर का नुकसान पहुंचाते हैं। जो हलवाई खाद्य रंगों का उपयोग करते हैं, वे भी मानकों का ध्यान नहीं रखते। वहीं मुनाफा बढ़ाने के लिए छोटे दुकानदार ग्राहकों पर दोहरी मार देते हैं। छोटी छोटी दुकानों से खरीदे गए जिस छैने को लोग दूध से बना हुआ समझते हैं, उसमें मैदा और अरारोट की मिलावट की जाती है। इससे जहां रसगुल्ले की लागत कम हो जाती है, वहीं उसका वजन भी बढ़ जाता है। मिलावटी छैने का रसगुल्ला चीनी भी अधिक सोखता है। जो खाने वालों के शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ा देता है। स्वास्थ्य विभाग ने यह सलाह दी है कि लोगों को रंगीन और वर्क लगे छैने के रसगुल्ले खाने से बचना चाहिए। मिलावटी छैना दबाने से छूट जाता और टाइट होता है। वहीं दूध से बने छैने का रसगुल्ला मुलायम होता है। उसे दबाकर छोड़ेंगे तो वह अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता है।