प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ने छात्र-छात्राओ के साथ मनायी अपनी लाडली का जन्मदिन
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जौनपुर। प्राथमिक शिक्षको पर स्कूल न जाने अगर जाते है तो पढ़ाते नही तमाम कलंक को मिटाने के लिए अब खुद शिक्षक आगे आ रहे है। ये लोग जहां इस काले धब्बे को मिटाने में कामयाब हो रहे है वही गरीब छात्रा-छात्राओ को पढ़ाकर देश का एक अच्छा नागरिक बना रहे है। कल के भविष्य को सवारने वालो में एक शिक्षिका है डा0 ज्योति मिश्रा। डा0 ज्योति बदलापुर विकास खण्ड के मिरसादपुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका है। वे प्रतिदिन समय से स्कूल आकर छात्र-छात्राओ को तालिम देती है आज उन्होने अपने बेटी की जन्म दिन इन्ही नन्हे मुन्ने बच्चो से मनाकर एक नयी मिशाल पेश किया है। इस मौके पर उन्होने बच्चो को फ्री में आई कार्ड और स्वादिष्ट भोजन भी कराया।
गरीब छात्र-छात्राओ के साथ अपनी लाडली का जन्म दिन मनाने पीछे शिराज ए हिन्द डाॅट को बताया कि
"सेवा परमो् धर्म "यही भाव ही मनुष्य को पशुओं से भिन्न बनाती है। इस भाव के अभाव में मनुष्य और पशु में भेद करना सम्भव नहीं हो सकता । इसी भाव का संकल्प लेकर आज मैंने अपनी पुत्री शताक्षी के जन्मदिवस के अवसर पर केक काट कर हुड़दंग वाली पाश्चात्यशैली की पार्टी का त्यागकर अपने विद्यालयके सभी विद्यार्थियों के लिये निशुल्क परिचय पत्र का वितरण एवं स्वादिष्ट भोज का आयोजन किया। साथ ही साथ संस्कृत के महाकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को महर्षि के जीवन की कुछ प्रेरक प्रसंग सुनाया गया। विद्यालय के बच्चे बहुत ही प्रसन्नता पूर्वक अवकाश के पश्चात अपने अपने घर गये।
इन बच्चों को प्रसन्न देखकर बहुत ही आत्मआनंद की अनुभूति हुई। क्योंकि बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं और इनकी प्रसन्नता में ही भविष्य के भारत का उत्थान छिपा है। विद्यालय में मुखिया के रूप में मीरा यादव के साथ मेरे सभी सहकर्मी इन्द्रसेन यादव,अर्चना सिंह,ऊषा यादव एवं सेवानिवृत्त राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमला सिंह का अभूतपूर्व सहयोग मिला ।विद्यालय एवं बच्चों की सदैव चिंता करने वाले क्षेत्रीय ग्राम प्रधान ब्रम्हदेव सरोज जी का बहुत ही सराहनीय सहयोग रहा जिसके लिये मैं सभी को धन्यवाद देती हूँ।
तत्पश्चात हम सभी ने शताक्षी सहित देश के सभी बच्चों के उज्ज्वल एवं कल्याणकारी भविष्य की कामना करते हुए ,समाज में व्याप्त गरीबी,कुपोषण, एवं बच्चों को हतोत्साहित करने वाली विचारधारा के अन्धकार मे शिक्षा एवं खेल के प्रति प्रोत्साहन का दीप प्रज्वलित करने का संकल्प लिया।तत्पश्चात हम सभी ने शताक्षी सहित देश के सभी बच्चों के उज्ज्वल एवं कल्याणकारी भविष्य की कामना करते हुए ,समाज में व्याप्त गरीबी,कुपोषण, एवं बच्चों को हतोत्साहित करने वाली विचारधारा के अन्धकार मे शिक्षा एवं खेल के प्रति प्रोत्साहन का दीप प्रज्वलित करने का संकल्प लिया।
गरीब छात्र-छात्राओ के साथ अपनी लाडली का जन्म दिन मनाने पीछे शिराज ए हिन्द डाॅट को बताया कि
"सेवा परमो् धर्म "यही भाव ही मनुष्य को पशुओं से भिन्न बनाती है। इस भाव के अभाव में मनुष्य और पशु में भेद करना सम्भव नहीं हो सकता । इसी भाव का संकल्प लेकर आज मैंने अपनी पुत्री शताक्षी के जन्मदिवस के अवसर पर केक काट कर हुड़दंग वाली पाश्चात्यशैली की पार्टी का त्यागकर अपने विद्यालयके सभी विद्यार्थियों के लिये निशुल्क परिचय पत्र का वितरण एवं स्वादिष्ट भोज का आयोजन किया। साथ ही साथ संस्कृत के महाकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को महर्षि के जीवन की कुछ प्रेरक प्रसंग सुनाया गया। विद्यालय के बच्चे बहुत ही प्रसन्नता पूर्वक अवकाश के पश्चात अपने अपने घर गये।
इन बच्चों को प्रसन्न देखकर बहुत ही आत्मआनंद की अनुभूति हुई। क्योंकि बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं और इनकी प्रसन्नता में ही भविष्य के भारत का उत्थान छिपा है। विद्यालय में मुखिया के रूप में मीरा यादव के साथ मेरे सभी सहकर्मी इन्द्रसेन यादव,अर्चना सिंह,ऊषा यादव एवं सेवानिवृत्त राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमला सिंह का अभूतपूर्व सहयोग मिला ।विद्यालय एवं बच्चों की सदैव चिंता करने वाले क्षेत्रीय ग्राम प्रधान ब्रम्हदेव सरोज जी का बहुत ही सराहनीय सहयोग रहा जिसके लिये मैं सभी को धन्यवाद देती हूँ।
तत्पश्चात हम सभी ने शताक्षी सहित देश के सभी बच्चों के उज्ज्वल एवं कल्याणकारी भविष्य की कामना करते हुए ,समाज में व्याप्त गरीबी,कुपोषण, एवं बच्चों को हतोत्साहित करने वाली विचारधारा के अन्धकार मे शिक्षा एवं खेल के प्रति प्रोत्साहन का दीप प्रज्वलित करने का संकल्प लिया।तत्पश्चात हम सभी ने शताक्षी सहित देश के सभी बच्चों के उज्ज्वल एवं कल्याणकारी भविष्य की कामना करते हुए ,समाज में व्याप्त गरीबी,कुपोषण, एवं बच्चों को हतोत्साहित करने वाली विचारधारा के अन्धकार मे शिक्षा एवं खेल के प्रति प्रोत्साहन का दीप प्रज्वलित करने का संकल्प लिया।