गांधी जी ने कहा मैंने इमाम हुसैन से सीखा अहिंसा का सबक : एस एम मासूम
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करबला वालो की सहादत के यह बात खुल के सामने आ गयी कि जुल्म इस्लाम का हिस्सा नही है और इस्लाम धर्म के नाम पे जुल्म करने वाले ढ़ोगी होते है जो सत्ता हासिल करने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते है और उसे बदनाम किया करते है तभी तो महात्मा गांधी ने कहा कि उन्होने अहिंसा के रास्ते से जीत हासिल करने का सबक हजरत इमाम हुसैन से सीखा। किसी भी लड़ाई मे जीत उसकी हुआ करती है जिसका मकसद जीवित रहें और अहिंसा का पैगाम ही सच्चा इस्लाम है यह पैगाम करबला में हजरत इमाम हुसैन ने दे के साबित कर दिया और आज पूरी दुनिया मे हर जाति धर्म के लोग हजरत इमाम हुसैन को अपनी-अपनी परम्परा के अनुसार मोहर्रम में श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
मजलिस में मुख्य रूप से मुस्तफा षमसी ए एम डेज़ी, सै0 परवेज हसन, इसरार हुसैन एडवोकेट, तालिब रजा षकिल एडवोकेट, जरगाम एडवोकेट, हसीन अहमद, नईम हैदर, डा0 राहिल, सैफ नासिर रज़ा गुड्डू, इत्यादि लोग उपस्थित रहें।