ढेबरी युग में धरमपुर की दलित बस्ती
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जौनपुर। जिले के मड़ियांहू तहसील के रामनगर विकास क्षेत्र के धरमपुर गांव की दलित बस्ती में आजादी के 70 वर्ष बाद भी ढ़िबरी लालटेन के युग में जीने को विवश है, अभी तक इस गांव का विद्युतीकरण नही हो पाया है। विकास के युग में इस बस्ती में बिजली का न होना दलितों की उपेक्षा मानी जा रही है। इस गांव के दलितों ने कांग्रेस,सपा,बसपा, भाजपा का प्रदेश में शासन देखा, बारी-बारी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का चुनाव कर प्रदेश में सरकारे बनवाई लेकिन धरमपुर गांव के सैकड़ों दलित आज भी विद्युतीकरण से वंचित है। इस गांव के दलित कई बार एसडीओ मड़ियांहू, अधिशासी अभियन्ता, जनप्रतिनिधियों को इस बारे में जानकारी दिया। सबसे गुहार लगाने के बाद दलित बस्ती के लोग हताश और निराश हो चुके हैं। बस्ती के लोगों के अनुसार उनके बच्चों की पढ़ाई बिजली के अभाव के कारण नहीं हो पाती। दहेज में मिले कूलर, फ्रिज, प्रेस,पंखा, टीबी आदि इलेक्ट्रॉनिक सामान घरों में रखे-रखें खराब हो रहे हैं , हालात यहां तक पहुंच गये हैं एक परिवार की बहू इसीलिए अपने ससुराल नहीं आ रही है क्योंकि इस गांव में बिजली नहीं है । गांव के दलित समीप के बाजार में जाकर अपना मोबाइल 5 रुपए प्रति पीस की दर से चार्ज कराते है। दलित बस्ती के लोगों की व्यथा से स्पष्ट होता है कि सरकारे आती रही जाती रही जनप्रतिनिधि क्षेत्र की जनता का मत भी लेते रहे लेकिन हकीकत यही है कि धरमपुर गांव कि दलित बस्ती के लोग आज भी लालटेन और ढेबरी युग के सहारे जीने को विवश है।