महादेव मन्दिर व वक्फ की सम्पत्ति पर भू-माफियाओं का कब्जा
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जौनपुर।
गलत तथ्यों के आधार पर महादेव मन्दिर व महाराज की वम्फ सम्पत्ति पर गलत
ढंग से नाम चढ़ाने का मामला प्रकाश में आया है। इसको गम्भीरता से लेते हुये
विश्व हिन्दू परिषद के विभागाध्यक्ष नरसिंह बहादुर सिंह ने जिलाधिकारी से
मिलकर लिखित रूप से शिकायत करते हुये जालसाजों के खिलाफ कार्यवाही करने की
मांग किया। साथ ही गलत ढंग से चढ़ाये गये नाम को निरस्त करने की बात भी कही।
शिकायतकर्ता के अनुसार नगर के लाइन बाजार थाना क्षेत्र के सीहीपुर में
वर्ष 1962 में श्री महादेव जी महाराज एहतमाम राम प्रसाद आदि के नाम एक चक
कायम हुआ। इस पर कुछ भू-माफियाओं ने 30 जुलाई 2007 को उपजिलाधिकारी के
न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया। इसी बीच उन लोगों ने 21 दिसम्बर 2013 को
डीडीसी न्यायालय में दूसरा वाद दाखिल किया। यहां 30 जुलाई 2016 को जालसाज
कामयाब हो गये। साथ ही सीओ सदर द्वारा 3 मई 2017 को परवाना अमलदरामद भी
प्राप्त कर लिया। शिकायकर्ता की मानें तो चकबन्दी द्वारा पूर्व में ही धारा
52 का प्रकाशन हो गया है जिसका मतलब यह होता है कि उक्त जमीन पूरी तरह साफ
है तथा इस पर कोई विवाद नहीं है। साथ ही जिसका नाम दर्ज है, वही असली
मालिक है। बावजूद इसके आज 48 वर्ष बाद यह मामला सामने लाया गया है कि उक्त
जमीन का मालिक कोई और है जो सरासर गलत है। फिलहाल इसी शिकायत को दर्ज कराते
हुये विश्व हिन्दू परिषद ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि गलत ढंग से
नाम चढ़वाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाय।