स्काउट/गाइड के जीवन में हो उद्यमिता का भावः डा. उमेश चन्द्र
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जौनपुर।
प्रबल परोपकार की भावना ही स्काउट/गाइड का नैसर्गिक गुण है। समाज के समस्त
जीवों के प्रति दयाभाव रखते हुये निःस्वार्थ भाव से सेवा करना दायित्व
होता है। स्काउट/ गाइड के जीवनशैली में आलस्य न होकर उद्यमिता का भाव
व्याप्त होना चाहिये। उक्त बातें एसवीडी गुरूकुल महाविद्यालय दुमदुमा
ऊंचगांव में आयोजित तीन दिवसीय स्काउट/गाइड प्रशिक्षण के समापन अवसर पर
डा. उमेश चन्द्र तिवारी ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने आगे कहा कि
स्काउट/गाइड को किसी जाति, धर्म, भाषावाद के भेद में न पड़कर समस्त जीवों की
रक्षा करनी चाहिये। इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि डा. राकेश चन्द्र तिवारी
ने कहा कि बच्चे इस देश के भविष्य हैं। वह अपनी जिम्मेदारी को अभी से
समझें। खूब पढ़ाई करके देश व परिवार का नाम रोशन करें। इस दौरान स्काउट/गाइड
के प्रशिक्षक राम बक्स सिंह, राकेश मिश्रा व नरसिंह श्रीवास्तव ने
महाविद्यालय के 97 बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया। सहयोगी
शिक्षक समिति में अभिषेक उपाध्याय, धीरज तिवारी, श्वेता पाण्डेय, अजीत
उपाध्याय, रमापति दूबे सहित अन्य लोग शामिल रहे। इस अवसर पर अमरजीत मिश्र,
शिव कुमार, त्रिभुवन उपाध्याय, किशन कुमार, संजय पाण्डेय, शैलेन्द्र के
अलावा तमाम सम्बन्धित लोगों की उपस्थिति रही।