जौनपुर की बेटी को अर्जुन अवार्ड की अनुशंसा, जनपद व गांव अहमदपुर में दौड़ी खुशी की लहर।
https://www.shirazehind.com/2017/08/blog-post_804.html
रिपोर्ट-अखिलेश सिंह
जफराबाद(जौनपुर) देश का नाम रोशन करने वाली बेटी को जब अर्जुन अवार्ड के बारे में गांव वालों ने सुना तो उनमे खुशी की लहर दौड़ पड़ी। हम बात कर रहे हैं जनपद के जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर गांव निवासी गौरीशंकर सिंह के परिवार की। आप सोच रहे होंगे "परिवार की बात" का क्या तातपर्य है। जी हां यह परिवार ही ऐसा है जिनको विश्व के मंचो पर जाना जारहा है। उक्त परिवार की पांच बेटियों ने एक ऐसा मक़ाम हासिल कर एक नया इतिहास बना दिया है की आज इन्हें विश्व के मंच पर "सिंह सिस्टर्स" के नाम से जाना जा रहा है। गौरीशंकर की पांच बेटियां प्रियंका सिंह, दिव्या सिंह,प्रशांति सिंह,आकांक्षा सिंह, प्रतिमा सिंह, व सबसे छोटा पुत्र विक्रांत सिंह भारतीय बास्केट बॉल टीम व अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं। उक्त बेटियों में से तीसरे नम्बर की प्रशांति को अर्जुन अवार्ड के लिए चुना गया है। बताते चलें कि अहमदपुर के गौरीशंकर सिंह वाराणसी में एक बैंक में नौकरी के लिये अपने परिवार को लेकर वहीं शिवपुर में रहने लगे। पांच बेटियों व पुत्र की परवरिश व पढ़ाई-लिखाई बनारस में शुरु किया। खेल में रुचि देख पिता गौरीशंकर व मां उर्मिला सिंह ने प्रोत्साहित किया और आज इन बच्चों ने गांव ,जनपद व देश का नाम रोशन कर दिया।
जौनपुर की बेटियों ने वाराणसी को दिया सौगात।
मूल रूप से जौनपुर जनपद के अहमदपुर गांव की रहने वाली "सिंह सिस्टर्स" बेटियों ने वाराणसी को सौगात दिया है। देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंच पर इनको वाराणसी का मूल निवासी जाना जारहा है। इस प्रकार इन्होंने वाराणसी को सौगात दिया,इस बात से इनकार नही किया जा सकता। हालांकि यह श्रेय वाराणसी को ही जाना चाहिये, क्योंकि इनकी शिक्षा-दीक्षा वहीं से शुरू हुई है।
सिंह सिस्टर्स -छोटा सा परिचय।
सिंह सिस्टर्स में सबसे बड़ी बहन प्रियंका राष्ट्रीय स्तर की बास्केट बॉल खिलाड़ी थी। दूसरे नंबर की दिव्या बास्केट बॉल में कई बार भारत टीम की कप्तान रही,इस समय भारत के जूनियर टीम की कप्तान हैं। तीसरे नंबर पर प्रशांति, चौथे व पाचवे नंबर पर आकांक्षा सिंह व प्रतिमा सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर की बास्केटबाल की खिलाड़ी हैं। सबसे छोटा भाई विक्रांत सिंह राष्ट्रीय स्तर का फुटबॉलर है।
शुक्रवार को बेटी की उपलब्धि सुनते ही अहमदपुर गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। गांव वालों ने गाजे-बाजे के साथ मिठाइयां बाटी। उक्त गांव निवासी निखिलेश सिंह ,सर्वेश सिंह, रंजय सिंह, गणेश सिंह, बीनू सिंह, मुन्ना सिंह, कृपाशंकर सिंह, आदि ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाया।
जफराबाद(जौनपुर) देश का नाम रोशन करने वाली बेटी को जब अर्जुन अवार्ड के बारे में गांव वालों ने सुना तो उनमे खुशी की लहर दौड़ पड़ी। हम बात कर रहे हैं जनपद के जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर गांव निवासी गौरीशंकर सिंह के परिवार की। आप सोच रहे होंगे "परिवार की बात" का क्या तातपर्य है। जी हां यह परिवार ही ऐसा है जिनको विश्व के मंचो पर जाना जारहा है। उक्त परिवार की पांच बेटियों ने एक ऐसा मक़ाम हासिल कर एक नया इतिहास बना दिया है की आज इन्हें विश्व के मंच पर "सिंह सिस्टर्स" के नाम से जाना जा रहा है। गौरीशंकर की पांच बेटियां प्रियंका सिंह, दिव्या सिंह,प्रशांति सिंह,आकांक्षा सिंह, प्रतिमा सिंह, व सबसे छोटा पुत्र विक्रांत सिंह भारतीय बास्केट बॉल टीम व अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं। उक्त बेटियों में से तीसरे नम्बर की प्रशांति को अर्जुन अवार्ड के लिए चुना गया है। बताते चलें कि अहमदपुर के गौरीशंकर सिंह वाराणसी में एक बैंक में नौकरी के लिये अपने परिवार को लेकर वहीं शिवपुर में रहने लगे। पांच बेटियों व पुत्र की परवरिश व पढ़ाई-लिखाई बनारस में शुरु किया। खेल में रुचि देख पिता गौरीशंकर व मां उर्मिला सिंह ने प्रोत्साहित किया और आज इन बच्चों ने गांव ,जनपद व देश का नाम रोशन कर दिया।
जौनपुर की बेटियों ने वाराणसी को दिया सौगात।
मूल रूप से जौनपुर जनपद के अहमदपुर गांव की रहने वाली "सिंह सिस्टर्स" बेटियों ने वाराणसी को सौगात दिया है। देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंच पर इनको वाराणसी का मूल निवासी जाना जारहा है। इस प्रकार इन्होंने वाराणसी को सौगात दिया,इस बात से इनकार नही किया जा सकता। हालांकि यह श्रेय वाराणसी को ही जाना चाहिये, क्योंकि इनकी शिक्षा-दीक्षा वहीं से शुरू हुई है।
सिंह सिस्टर्स -छोटा सा परिचय।
सिंह सिस्टर्स में सबसे बड़ी बहन प्रियंका राष्ट्रीय स्तर की बास्केट बॉल खिलाड़ी थी। दूसरे नंबर की दिव्या बास्केट बॉल में कई बार भारत टीम की कप्तान रही,इस समय भारत के जूनियर टीम की कप्तान हैं। तीसरे नंबर पर प्रशांति, चौथे व पाचवे नंबर पर आकांक्षा सिंह व प्रतिमा सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर की बास्केटबाल की खिलाड़ी हैं। सबसे छोटा भाई विक्रांत सिंह राष्ट्रीय स्तर का फुटबॉलर है।
शुक्रवार को बेटी की उपलब्धि सुनते ही अहमदपुर गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। गांव वालों ने गाजे-बाजे के साथ मिठाइयां बाटी। उक्त गांव निवासी निखिलेश सिंह ,सर्वेश सिंह, रंजय सिंह, गणेश सिंह, बीनू सिंह, मुन्ना सिंह, कृपाशंकर सिंह, आदि ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाया।