पीएम और सीएम के मनसूबो पर पानी फेर रहे है जौनपुर के भाजपाई
https://www.shirazehind.com/2017/08/blog-post_77.html
जौनपुर। एक तरफ पीएम मोदी सीएम योगी वीआईपी कल्चर समाप्त करने का फरमान जारी किया है वही जौनपुर के भाजपा नेताओ सिर से माननीय बनने का भूत उतरने का नाम नही ले रहा है। पहले एक विधायक द्वारा जिला योजना की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया था उसके बाद मछलीशहर के सांसद प्रतिनिधि ने विधायक की सीट पर बैठे दिखे थे। अब इन नेताओ की राह पर छुटभैईया नेता भी चल पड़े है। आज सम्पूर्ण समाधान दिवस में तहसील स्तर का एक भाजपा ने सीओ सीट पर बैठकर जनता की समस्या सुनते नजर आया। जबकि इस कार्यक्रम केवल अधिकारी ही जनता की समस्याओ का निस्तारण करने के लिए मौजूद रहते है।
यूपी सरकार ने तहसील दिवस का नाम बदलकर आज से सम्पूर्ण समाधान दिवस कर दिया गया है। आज शाहगंज तहसील में इस कार्यक्रम के तहत तहसील स्तर के सभी अधिकारी जनता की फरियाद सुन रहे थे। इसी बीच अपने आप को शाहगंज तहसील का सांसद जौनपुर का प्रतिनिधि बताना वाले व बीजेपी का जिला उपाध्यक्ष अजीत प्रजापति समाधान दिवस में पहुंच गया। वहां पर सीओ शाहगंज के लिए लगायी गयी खाली पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। आप खुद देखिये तन पर पीला कुर्ता धारण किये और गले में सफेद गम्छा डाले यह अजीत प्रजापति नामक युवक अधिकारियो के साथ बैठकर क्या कर रहा है। हैरत की बात यह है कि एसडीएम बगल में बैठे है इसके बाद भी उसे कुर्सी न उठाया। इस मामले पर एसडीएम से बात करने की कोशिश किया गया तो उन्होने बात करने से ही इंकार कर दिया।
अब आप इसी से लगा सकते है कि पीएम और सीएम का वीआईपी कल्चर समाप्त करने का सपना क्या साकार हो पायेगा।
यूपी सरकार ने तहसील दिवस का नाम बदलकर आज से सम्पूर्ण समाधान दिवस कर दिया गया है। आज शाहगंज तहसील में इस कार्यक्रम के तहत तहसील स्तर के सभी अधिकारी जनता की फरियाद सुन रहे थे। इसी बीच अपने आप को शाहगंज तहसील का सांसद जौनपुर का प्रतिनिधि बताना वाले व बीजेपी का जिला उपाध्यक्ष अजीत प्रजापति समाधान दिवस में पहुंच गया। वहां पर सीओ शाहगंज के लिए लगायी गयी खाली पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। आप खुद देखिये तन पर पीला कुर्ता धारण किये और गले में सफेद गम्छा डाले यह अजीत प्रजापति नामक युवक अधिकारियो के साथ बैठकर क्या कर रहा है। हैरत की बात यह है कि एसडीएम बगल में बैठे है इसके बाद भी उसे कुर्सी न उठाया। इस मामले पर एसडीएम से बात करने की कोशिश किया गया तो उन्होने बात करने से ही इंकार कर दिया।
अब आप इसी से लगा सकते है कि पीएम और सीएम का वीआईपी कल्चर समाप्त करने का सपना क्या साकार हो पायेगा।