नियम दर किनार कर धड़ल्ले से बिक रही पॉलीथिन
https://www.shirazehind.com/2017/08/blog-post_38.html
जौनपुर। जिले में पॉलीथिन की बिक्री पर प्रतिबंध का असर दिखाई नहीं दे रहा है। हर जगह खुलेआम प्रतिबंधित पॉलीथिन में चाय से लेकर सब्जी, दूध आदि सामान की बेचा जा रहा। अदालत और सरकार के आदेश के बाद भी अफसर इस ओर गंभीर नहीं हैं। इसके कारण रोज नाले जाम हो रहे हैं,जल निकासी में भी दिक्कत आ रही है।न्यायालय के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने 40 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पॉलीथिन की बिक्री पर पिछले वर्ष पाबंदी लगा दी थी। आदेश के बाद जिला प्रशासन कुछ सख्त हुआ। शहर के प्रमुख बाजारों में पॉलीथिन के प्रमुख व्यापारियों के यहां छापामारी कर बड़ी संख्या में स्टाक जब्त किया था। लेकिन जैसे ही अफसर का इस ओर से ध्यान हटा फिर से बड़ी स्तर इसका प्रयोग होने लगा। ऐसे में पर्यावरण के लिए यह बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। जमीन, जानवर के साथ साथ जनमानस पर इसका दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से पॉलथिन की बिक्री जोरों से चल रही है। कई लोग पालीथिन में घर का कचरा भर कर फेंक देते हैं। जिसमें बड़ी मात्रा में घर का बचा हुआ खाना होता है। इस खाने को कई बार पशु पॉलीथिन सहित खा लेते हैं। इससे पशु के बीमार होकर मरने की आशंका रहती है। पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। साथ कई पशु पॉलीथिन खा जाते हैं, जिससे बड़ी संख्या में पशु बीमार होकर मर रहे हैं।
पॉलीथिन और डिस्पोजल से बहुत नुकसान हो रहा है, जिसमें पॉलीथिन से जानवर के साथ वनस्पति की काफी हानि हो रही है। इसका मानव जीवन पर असर दिखने के बावजूद अब भी जागरूकता नहीं आ रही है, तब सरकार को सख्ती से रोक लगाना ही चाहिए।
पॉलीथिन और डिस्पोजल से बहुत नुकसान हो रहा है, जिसमें पॉलीथिन से जानवर के साथ वनस्पति की काफी हानि हो रही है। इसका मानव जीवन पर असर दिखने के बावजूद अब भी जागरूकता नहीं आ रही है, तब सरकार को सख्ती से रोक लगाना ही चाहिए।