एसपी आफिस में पकड़ा गया फर्जी आईपीएस अफसर
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जौनपुर। एसपी से मिलकर आईपीएस अफसर बनकर धौस जमाने वाले एक युवक को आज काफी महंगा पड़ गया। एसपी ने उसे लाईनबाजार थाने की पुलिस को बुलाकर गिरफ्तार करवा दिया। पुलिस मामला दर्ज करने के बाद अब जेल भेजने की तैयारी कर रही है।
बरसठी थाना क्षेत्र के चक मलाई गांव का निवासी राकेश कुमार तिवारी मुंबई में रहता है। वह पिछले एक माह से एसपी शैलेश कुमार पाण्डेय को फोन करके अपने आप को 1995 बैच का आईपीएस अफसर बताकर बाते करता था। उसने एसपी से कहा मै जौनपुर आ रहा हूं मुझे सरकारी गाड़ी और गनर मुहैया कराया जाय। एसपी ने कहा कि ठीक है आप मुंबई पुलिस से एक फैक्स करवा दिजिए हम सभी सुविधाए मुहैया करा दूंगा। वह फैक्स न भेजकर केवल मोबाईल फोन पर ही सुविधाए मांग रहा था। बातो बातो में ही एसपी समझ गये यह कोई फ्राड है। इसके बाद भी एसपी अंजान बनकर उससे बाते करते रहे। आज वह शख्स एसपी आफिस पहुंचकर एसपी से मिला। उसने अपने पिता की तेरही निमंत्रण देकर आने को कहा साथ में एक जमीनी विवाद का आवेदन किया । एसपी ने उससे बातचीत पुछताछ किया कि उसने कहा कहा कि मेरी पोस्टिगं रा में चल रही है। इसी बात से एसपी ने पकड़ लिया कि यह पूरी तरह से फ्राड है। उन्होने लाईनबाजार थाने की पुलिस को बुलवा कर हवाले कर दिया।
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद फर्जी आईपीएस अफसर बना राकेश तिवारी अपने आप को मेंटल बता रहा है। उसने कहा कि मेरा इलाज मानसिक चिकित्सालय में चल चुका है। कभी कभी मै क्या बोल जाता हूं मुझे कुछ पता नही होता है।
बरसठी थाना क्षेत्र के चक मलाई गांव का निवासी राकेश कुमार तिवारी मुंबई में रहता है। वह पिछले एक माह से एसपी शैलेश कुमार पाण्डेय को फोन करके अपने आप को 1995 बैच का आईपीएस अफसर बताकर बाते करता था। उसने एसपी से कहा मै जौनपुर आ रहा हूं मुझे सरकारी गाड़ी और गनर मुहैया कराया जाय। एसपी ने कहा कि ठीक है आप मुंबई पुलिस से एक फैक्स करवा दिजिए हम सभी सुविधाए मुहैया करा दूंगा। वह फैक्स न भेजकर केवल मोबाईल फोन पर ही सुविधाए मांग रहा था। बातो बातो में ही एसपी समझ गये यह कोई फ्राड है। इसके बाद भी एसपी अंजान बनकर उससे बाते करते रहे। आज वह शख्स एसपी आफिस पहुंचकर एसपी से मिला। उसने अपने पिता की तेरही निमंत्रण देकर आने को कहा साथ में एक जमीनी विवाद का आवेदन किया । एसपी ने उससे बातचीत पुछताछ किया कि उसने कहा कहा कि मेरी पोस्टिगं रा में चल रही है। इसी बात से एसपी ने पकड़ लिया कि यह पूरी तरह से फ्राड है। उन्होने लाईनबाजार थाने की पुलिस को बुलवा कर हवाले कर दिया।
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद फर्जी आईपीएस अफसर बना राकेश तिवारी अपने आप को मेंटल बता रहा है। उसने कहा कि मेरा इलाज मानसिक चिकित्सालय में चल चुका है। कभी कभी मै क्या बोल जाता हूं मुझे कुछ पता नही होता है।