जौनपुर। भारत कृषि प्रधान देश है और किसान अपने श्रम से उत्पादन करने वाले अनाज में अपने भविष्य का प्रतिबिम्ब देखता है। ईश्वर के बाद अनाज को देवता मानने वाले किसान की फसल जब देवी आपदा या अग्निकाण्ड में नष्ट हो जाती है तो किसानों का भविष्य और उसका अरमान भी उसी में जलकर खाक हो जाता है लेकिन वर्तमान में किसानों को दैवी आपदा या अग्निकांड के बाद मिलने वाली सरकारी सहायता की जटिल प्रक्रिया का भेदन करते हुए किसानों की क्षति का कुछ भी अंश यदि सहायता राशि के रुप में मिल जाता है तो उसे जीने का नया संबल मिलता है। इस भ्रष्ट तंत्र में सरकारी सहायता दिलाने वाला व्यक्ति भी भगवान के हीं सदृश पूजनीय होता है । अग्निकांड की घटना के अनुक्रम में सुइथाकला विकासखण्ड स्थित डीहअशरफाबाद में अप्रैल माह में हुये भीषण अग्निकांड से वहां के कई किसानों की तैयार गेहूं की फसल जलकर स्वाहा हो गई थी लेकिन उक्त गांव निवासी समाजसेवी रमेश शुक्ला व ग्राम प्रधान नीलम शुक्ला के अथक प्रयास के बाद सभी पीड़ित किसानों को सहायता राशि उपलब्ध कराकर उन्हें चेक प्रदान किया गया। सहायता राशि में पन्द्रह हजार का चेक पाने वालों में श्याम बिहारी शुक्ला, प्रमोद कुमार सिंह, बाबू राम चैरसिया, इंद्रावती व दस हजार की सहायता पाने वालों में बजरंगी मौर्य तथा आठ हजार पाने वालों में पारस सिंह, राजपति मौर्य रविन्द्र चैरसिया ,विकास सिंह व सात हजार पांच सौ रुपये पाने वालों में रमापति शुक्ल, राजपति शुक्ल, राजेंद्र हरिजन तथा सात हजार रुपये पाने वालों में चंद्रावती , वेदप्रकाश, बृजेश ,शैलेंद्र तथा पांच हजार सहायता राशि मिलने वालों में नीतू सरोज तथा मंजू शामिल है। उक्त लोगों को मंडी परिषद से चेक लाकर प्रधान एवं रमेश शुक्ला द्वारा गांव में वितरित किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य मुस्ताक अहमद ,मोहन रजक व रमाकांत शुक्ला ,हृदय नारायण शुक्ला, विश्वास सिंह, राजितराम ,दिनेश मौर्य, सहाबू मियाँ, रामजस,मोहर्रम अली ,श्यामलाल गुप्ता आदि मौजूद रहे ।