खनन माफियाओं की सूची में है कई नामचीन सफेदपोश
https://www.shirazehind.com/2017/07/blog-post_24.html
मिर्जापुर। प्रदेश सरकार की ओर से तैयार खनन माफियाओं की सूची में पूर्वाचल के कई पूर्व व मौजूदा सांसदों और विधायकों के नाम शामिल है। ये सारे नामचीन सफेदापोश अहरौरा के आसपास इलाकों में अवैध खनन कराते है। शासन की ओर से जिले में 125 लोगो को खनन माफिया घोषित करने के लिए आई सूची में माननीयों के नाम होने से खलबली मच गई है। खनन विभाग, पुलिस और प्रशासन की ओर से संयुक्त रूप से खनन माफियाओं को चिन्हित करके कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है। तय किया गया है कि जिन पर दो बार से अधिक अवैध खनन का केस दर्ज होगा वे माफिया के दायरे मंे आयेंगे। प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों से होते हुए सूची थानेदारों तक पहुॅच गई है। अब उनके स्तर से मामलों की पड़ताल शुरू कर दी गई है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही अवैध खनन और परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगाया गया है। यहीं नहीं प्रदेश सरकार के तीन महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों में इसे पहले नंबर पर रखा गया है। अब सरकार की ओर से पूर्व में अवैध खनन और मानक के विपरीत खनन करने वालों को माफिया घोषित करके कार्यवाही करने की कवायद शुरू कर दी है। इस नई कवायद में जिले में 125 लोगो को सूची शासन से आई है। इस सूची में उन्हीं का नाम शामिल किया गया है। जिनके उपर दो बार से अधिक बार अवैध खनन या मनमाने खनन का केस दर्ज हुआ है।
इसमे ंपूर्वाचल के कई पूर्व और मौजूदा विधायक व सांसदों का नाम शामिल है। क्योंकि इन विधायक और संासदों ने भी जिले मंे बड़े पैमाने पर खनन कराया था। यहां तक कुछ विधायक और सांसदों की ओर से अभी भी खनन कराया जा रहा है। इसे लेकर खननकर्ताओं के साथ ही प्रभावित होने वाले विधायक और संासदों की भी हालत खराब हो रही है।
थानो की पुलिस का कहना है कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार जांच पड़ताल के बाद ही खनन माफिया घोषित किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
स्मारक घोटाला में भी शामिल हैं खनन माफिया
मिर्जापुर। लखनऊ और नोएडा में बने स्मारकों में भी जिले के अहरौरा के गुलाबी पत्थरों की आपूर्ति हुई थी। इसमें 14 सौ करोड़ रुपये का घोटाला हो चुका है। इसमें भी वही पूर्वांचल भर के मौजूदा और पूर्व विधायक सांसद शामिल रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई प्रक्रिया में है। पूर्वांचल भर के नेता, विधायक, सांसदों ने जिले के अहरौरा में अपनी क्रशर,कटर प्लांट लगाकर कारोबार किए। यही नहीं कारोबारियों की ओर से आपूर्तिकर्ता समूह बनाकर बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा ने पूरी करके बिजिलेंस को कार्रवाई के लिए सौंप दिया है। बिजिलेंस लखनऊ की ओर से भी इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
बाक्स मंे
सूची में सिर्फ अहरौरा के 40 लोगों के नाम
मिर्जापुर। अकेले अहरौरा थाना क्षेत्र में अवैध खनन करने वालों को खनन माफिया घोषित करने वालों की सूची में 40 लोगों का नाम शामिल है। पुलिस ने इसमें से 19 को चिह्नित भी कर लिया है। शासन का अगला आदेश के आने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। माना जा रहा है जुलाई के अंत तक इनके खिलाफ कार्रवाई होनी शुरू हो जाएगी।
बाक्स में
एक पर 44 बार दर्ज किया गया केस
मिर्जापुर। खनन माफिया घोषित किए जाने वालों की सूची में एक खननकर्ता के खिलाफ 44 बार तो एक खननकर्ता पर चार बार अवैध खनन का केस दर्ज है। यह कार्रवाई खनन विभाग की ओर से की गई है। लेकिन प्रभावी होने के कारण अब तक उसकी गिरफ्तारी या अन्य कार्रवाई नहीं हो सकी है। मौजूदा सरकार में उसके खिलाफ कार्रवाई होने को लेकर सख्ती दिख रही है।
खनन अधिकारी आरबी सिंह का कहना है कि शासन की ओर से मिलने वाले निर्देश का हर हाल मंे पालन कराया जायेगा। शासन से प्राप्त होने वाली सूची की जांच पड़ताल कर कार्यवाही की जायेगी। इससे अवैध खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा सकेगा।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही अवैध खनन और परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगाया गया है। यहीं नहीं प्रदेश सरकार के तीन महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों में इसे पहले नंबर पर रखा गया है। अब सरकार की ओर से पूर्व में अवैध खनन और मानक के विपरीत खनन करने वालों को माफिया घोषित करके कार्यवाही करने की कवायद शुरू कर दी है। इस नई कवायद में जिले में 125 लोगो को सूची शासन से आई है। इस सूची में उन्हीं का नाम शामिल किया गया है। जिनके उपर दो बार से अधिक बार अवैध खनन या मनमाने खनन का केस दर्ज हुआ है।
इसमे ंपूर्वाचल के कई पूर्व और मौजूदा विधायक व सांसदों का नाम शामिल है। क्योंकि इन विधायक और संासदों ने भी जिले मंे बड़े पैमाने पर खनन कराया था। यहां तक कुछ विधायक और सांसदों की ओर से अभी भी खनन कराया जा रहा है। इसे लेकर खननकर्ताओं के साथ ही प्रभावित होने वाले विधायक और संासदों की भी हालत खराब हो रही है।
थानो की पुलिस का कहना है कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार जांच पड़ताल के बाद ही खनन माफिया घोषित किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
स्मारक घोटाला में भी शामिल हैं खनन माफिया
मिर्जापुर। लखनऊ और नोएडा में बने स्मारकों में भी जिले के अहरौरा के गुलाबी पत्थरों की आपूर्ति हुई थी। इसमें 14 सौ करोड़ रुपये का घोटाला हो चुका है। इसमें भी वही पूर्वांचल भर के मौजूदा और पूर्व विधायक सांसद शामिल रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई प्रक्रिया में है। पूर्वांचल भर के नेता, विधायक, सांसदों ने जिले के अहरौरा में अपनी क्रशर,कटर प्लांट लगाकर कारोबार किए। यही नहीं कारोबारियों की ओर से आपूर्तिकर्ता समूह बनाकर बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा ने पूरी करके बिजिलेंस को कार्रवाई के लिए सौंप दिया है। बिजिलेंस लखनऊ की ओर से भी इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
बाक्स मंे
सूची में सिर्फ अहरौरा के 40 लोगों के नाम
मिर्जापुर। अकेले अहरौरा थाना क्षेत्र में अवैध खनन करने वालों को खनन माफिया घोषित करने वालों की सूची में 40 लोगों का नाम शामिल है। पुलिस ने इसमें से 19 को चिह्नित भी कर लिया है। शासन का अगला आदेश के आने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। माना जा रहा है जुलाई के अंत तक इनके खिलाफ कार्रवाई होनी शुरू हो जाएगी।
बाक्स में
एक पर 44 बार दर्ज किया गया केस
मिर्जापुर। खनन माफिया घोषित किए जाने वालों की सूची में एक खननकर्ता के खिलाफ 44 बार तो एक खननकर्ता पर चार बार अवैध खनन का केस दर्ज है। यह कार्रवाई खनन विभाग की ओर से की गई है। लेकिन प्रभावी होने के कारण अब तक उसकी गिरफ्तारी या अन्य कार्रवाई नहीं हो सकी है। मौजूदा सरकार में उसके खिलाफ कार्रवाई होने को लेकर सख्ती दिख रही है।
खनन अधिकारी आरबी सिंह का कहना है कि शासन की ओर से मिलने वाले निर्देश का हर हाल मंे पालन कराया जायेगा। शासन से प्राप्त होने वाली सूची की जांच पड़ताल कर कार्यवाही की जायेगी। इससे अवैध खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा सकेगा।