बीजेपी सरकार में भी भाजपा कार्यकर्ता न्याय के लिए खा रहा है दर दर की ठोकरे
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जौनपुर। सबका साथ सबका विकास का नारा देकर उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी सरकार में उनके ही कार्यकर्ताओ को न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खानी पड़ रही है। यह बयोबृध्द बीजेपी का कार्यकर्ता अपना हक पाने के लिए डीएम, एसपी से लेकर सभी अधिकारियो के दफ्तरो का चक्कर काट रहा है। लेकिन आज तक उसे कही से कोई राहत नही मिली है। अब वह अपने ही पार्टी के नेताओ को कोशते हुए अपना धनुष बाण रख दिया है।
गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के समोधीपुर गांव के निवासी रामदवर यादव उर्फ गोली प्रधान जनसंघ के जमाने से पार्टी से जुड़े हुए है। उन्होने कहा कि मै सपा के शासनकाल में भी समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता नही बना केवल बीजेपी से जुड़ा रहा है। उनका दर्द है कि मै एक माह पूर्व अपने पुश्तैनी जमीन पर मकान बनवाना शुरू किया तो गांव के तीन लोग उस जमीन पर वेगैर किसी कागज पत्र के अपनी दावेदारी ठोक दिया। पुलिस ने आकर निर्माण कार्य रूकवा दिया। मै अपना खसरा खतौनी थाने पर ले जाकर दिखायी तो थानेदार ने एसडीएम का आदेश लाने को कहा मैने एसडीएम सदर का भी आदेश लेकर गया इसके बाद भी वे निर्माण कार्य कराने से रोक दिया। उसके बाद मैने डीएम एसपी से मिलकर अपनी गुहार लगायी ।इन दोनो अधिकारियो ने भी जांच कराकर मामले को निपटाने का आदेश दिया। थानेदार इसके बाद भी मेरे साथ न्याय नही किया। पीड़ित रामदवर ने कहा कि मेरे विपक्षी के पास कोई कागज नही है जिससे यह प्रतित हो सके कि यह जमीन उनकी है। थानाध्यक्ष मुझसे बार बार कागज मांग रहे विपक्षी से आज तक कोई कागज नही मांगा।
इस मामले पर थानाध्यक्ष से बात किया गया तो उन्होने मीडिया को बताया कि यह केश कमिशनर वाराणसी के न्यायालय में विचाराधिन है इस लिए मै यथा स्थिति कायम करने का प्रयास किया है। जबकि किसी भी न्यायालय से कोइ्र स्थगन आदेश नही है।
गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के समोधीपुर गांव के निवासी रामदवर यादव उर्फ गोली प्रधान जनसंघ के जमाने से पार्टी से जुड़े हुए है। उन्होने कहा कि मै सपा के शासनकाल में भी समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता नही बना केवल बीजेपी से जुड़ा रहा है। उनका दर्द है कि मै एक माह पूर्व अपने पुश्तैनी जमीन पर मकान बनवाना शुरू किया तो गांव के तीन लोग उस जमीन पर वेगैर किसी कागज पत्र के अपनी दावेदारी ठोक दिया। पुलिस ने आकर निर्माण कार्य रूकवा दिया। मै अपना खसरा खतौनी थाने पर ले जाकर दिखायी तो थानेदार ने एसडीएम का आदेश लाने को कहा मैने एसडीएम सदर का भी आदेश लेकर गया इसके बाद भी वे निर्माण कार्य कराने से रोक दिया। उसके बाद मैने डीएम एसपी से मिलकर अपनी गुहार लगायी ।इन दोनो अधिकारियो ने भी जांच कराकर मामले को निपटाने का आदेश दिया। थानेदार इसके बाद भी मेरे साथ न्याय नही किया। पीड़ित रामदवर ने कहा कि मेरे विपक्षी के पास कोई कागज नही है जिससे यह प्रतित हो सके कि यह जमीन उनकी है। थानाध्यक्ष मुझसे बार बार कागज मांग रहे विपक्षी से आज तक कोई कागज नही मांगा।
इस मामले पर थानाध्यक्ष से बात किया गया तो उन्होने मीडिया को बताया कि यह केश कमिशनर वाराणसी के न्यायालय में विचाराधिन है इस लिए मै यथा स्थिति कायम करने का प्रयास किया है। जबकि किसी भी न्यायालय से कोइ्र स्थगन आदेश नही है।