नौकरी देने के नाम पर 21 लाख रूपये लेकर डायरेक्टर फरार , पैसा वापस लेने के लिए जौनपुर पहुंचे पीड़ित

जौनपुर। नौकरी के नाम पर लाखो रूपये की ठगी का मामला सामने आया है। यह फर्जीवाडा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ है। ठगे लोग बुन्देलखण्ड के ललितपुर जिले के है। ठगी के शिकार हुए सभी लोग जौनपुर पहुंचकर एसपी से मिलकर फ्राड के मास्टर माइण्ड को गिरफ्तार करने की गुहार लगायी है। एसपी इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए पूरे मामले का जांच सरायखाजा थानाध्यक्ष को दिया है।
जौनपुर जिले के सरायखाजा थाना क्षेत्र के बस्ती बंद गांव का निवासी रतन उर्फ करूणाकर उपाध्याय लखनऊ जिले के हजरतगंज में स्थित इप्रूमेंट ट्रस्ट बिल्डिगं के प्रथम तल पर मान्यवर काशीराम एजूकेशनल ट्रस्ट के नाम पर संस्था चलाते है। ललितपुर जिले के सिविल लाईन के रहने वाले देवराज कुशवाहा आज जौनपुर एसपी से मिलकर एक पत्रक देकर न्याय की गुहार लगायी। देवराज का आरोप है कि मै बी काम करने के बाद नौकरी की तलास कर रहा था। इसी बीच एक अखबार में एक विज्ञापन देखा जिसमें मान्यवर काशीराम एजूकेशनल ट्रस्ट को जनपद समन्यवक, अध्यापक, सहायक अध्यापक, कम्प्यूटर शिक्षक, ग्राम पंचायत समन्यवक, चपरासी और ब्लाक समन्यवक की आवश्कता छपा था। विज्ञापन के अधार पर मैने  लखनऊ पहुंचकर इस संस्था के डायरेक्टर रतन उर्फ करूणाकर उपाध्याय से सम्पर्क किया तो उन्होने मुझे ललितपुर जिले का फ्रेन्चाईजी दे दिया। अनुबंध पत्र के अनुसार ग्रामीण एवं शहरी इलाके के मलीन बस्तियों में निःशुक्ल शिक्षण एवं प्रशिक्षण कराने हेतू उक्त संस्था से निविदा किया। सभी पदो के लिए मेरे सम्पर्क के सभी लोगो ने सिक्योरिटी के तौर पर 20-20 हजार रूपये की डीडी दिया। मेरे द्वारा 105 अभ्यार्थियों का 21 लाख रूपये डीडी व कुछ नगद के रूप में संस्था के डायरेक्टर को दिया। जिसकी रिसीविंग भी मेरे पास है। इसके बाद डारेक्टर ने 30 लाख का चेक सात जनवरी 2017 को मुझे दिया। लेकिन उस समय डायरेक्टर ने चुनाव अचार संहिता का हवाला देते हुए चेक को बैंक में जमा करने से मना कर दिया। 24 फरवरी को पुनः दो चेक एक आठ लाख का दूसरा सात लाख रूपये का चेक दिया। मैने दोनो चेक को अपने एकाउंट में जमा किया तो खाता में पैसा न होने के कारण दोनो चेक बाउंस हो गया। उसके बाद मैने करूणाकर उपाध्याय से सम्पर्क किया तो उन्होने आश्वासन दिया कि जून 2017 तक सभी लोगो का वेतन और डीडी का पैसा मिल जायेगा। जून बीतने के बाद एक जुलाई को एक फिर डायरेक्टर सम्पर्क किया तो उन्होने पांच जुलाई को अपने गांव में हिसाब करने के लिए बुलाया है।

अपर पुलिस अधीक्षक देहात डा0 संजय राय ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच थानाध्यक्ष सरायखाजा को सौपा है।

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