पिछले डेढ़ वर्षो मे एक भी दोहरा की दुकान का नही लिया गया सेम्पल
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जौनपुर। दोहरा खाने के शौकिन माउथ कैंसर की चपेट में आ करके एक एक करके युवा काल के गाल में समाते जा रहे है। ऐसे में खाद् सुरक्षा विभाग मौखिक दोहरा का नमुना लेकर जांच के लिए भेजता है। इस बात का खुलासा आज हुआ। अधिकारी और बाबू ने कबूल किया कि पिछले डेढ़ वर्षो से एक भी दोहरा की दुकान का सेम्पल नही भरी गया है। जबकि उच्चाधिकारियो और समाजसेवी जनता से पुछने पर लगातार बताया जाता रहा है कि समय समय दोहरे की दुकानो पर जाकर सेम्पल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजा जा रहा है। दोहरा की दुकाने के प्रति साहेब इतनी मेहरबानी क्यों है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते है।
दोहरा खाने की शौकिन माउथ कैंसर की चपेट में आ रहे है। आये दिन इस जहर से मौत होने की खबर मीडिया में आ रही है। ऐसे में अब कुछ समाजसेवी दोहरा के खिलाफ आवाज बुलंद किया है। उधर शुक्रवार को सांसद के पी सिंह डीएम से मिलकर दोहरा की बिक्री पर रोक लगाने को कहा। सांसद के इस कदम की सराहना पूरी जनता कर रही है। आज इस मामले पर अभिहित अधिकारी इन्द्र बहादुर यादव से पत्रकारो ने बातचीत करते हुए जानकारी किया कि कितने दोहरा की दुकानो का सेम्पल लिया गया । पहले अधिकारी कम्प्यूटर आपरेटर न रहने तो कभी बाबू का कार्यालय से बाहर होने का बहाना बनाकर टालते रहे। पत्रकार भी दोनो कर्मचारियो का आने का इंतजार करने लगे। थोड़ी दोनो कर्मचारी दफ्तर में हाजिर हुए तो साहब ने इसके बारे पता किया तो पता चला कि पिछले डेढ़ वर्षो में एक भी दोहरे की दुकानो से एक भी सेम्पल लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा ही नही गया। इससे पूर्व अधिकारियो व समाज सेवियो द्वारा पुछने पर जवाब मिलता था कि समय समय पर सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है।
दोहरा खाने की शौकिन माउथ कैंसर की चपेट में आ रहे है। आये दिन इस जहर से मौत होने की खबर मीडिया में आ रही है। ऐसे में अब कुछ समाजसेवी दोहरा के खिलाफ आवाज बुलंद किया है। उधर शुक्रवार को सांसद के पी सिंह डीएम से मिलकर दोहरा की बिक्री पर रोक लगाने को कहा। सांसद के इस कदम की सराहना पूरी जनता कर रही है। आज इस मामले पर अभिहित अधिकारी इन्द्र बहादुर यादव से पत्रकारो ने बातचीत करते हुए जानकारी किया कि कितने दोहरा की दुकानो का सेम्पल लिया गया । पहले अधिकारी कम्प्यूटर आपरेटर न रहने तो कभी बाबू का कार्यालय से बाहर होने का बहाना बनाकर टालते रहे। पत्रकार भी दोनो कर्मचारियो का आने का इंतजार करने लगे। थोड़ी दोनो कर्मचारी दफ्तर में हाजिर हुए तो साहब ने इसके बारे पता किया तो पता चला कि पिछले डेढ़ वर्षो में एक भी दोहरे की दुकानो से एक भी सेम्पल लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा ही नही गया। इससे पूर्व अधिकारियो व समाज सेवियो द्वारा पुछने पर जवाब मिलता था कि समय समय पर सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है।