चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए नहीं भटकेगें कर्मचारी

जौनपुर। राज्य कर्मचारियों को बीमारी के इलाज में खर्च हुई धनराशि शासन से प्राप्त करने के लिए कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उनके इलाज कराते ही शासन की ओर से अस्पताल को सीधे धनराशि भेजी जाएगी। सुविधा देने के लिए राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना (सैक्टस) शुरु की गई है। जिसके अंतर्गत राज्य कर्मचारियों का वेबसाइट यूपी डॉट सैक्टस डॉट इन पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और एक कार्ड दिया जाएगा। राज्य कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा देने के लिए तमाम धरना-प्रदर्शन किए गए। बात शासन तक पहुंची तो चिकित्सा व्यवस्था में खर्च के भुगतान की प्रक्रिया को बदला गया है। सबकुछ आनलाइन कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कर्मचारियों का आनलाइन डाटा फीड करने का कार्य शुरु किया गया है। जिसमें कर्मचारी का नाम, जन्मदिन, आधार कार्ड नंबर, डीडीओ कोड, पता, बेसिक पेय, मोबाइल नंबर, परिवार की डिटेल आदि सेव किए जाएंगे। आनलाइन रजिस्ट्रेशन करते ही संबंधित कर्मचारी के मोबाइल पर ओटीपी कोड मिलेगा। जो आनलाइन फीडिग के दौरान साइट पर दिया जाएगा और आनलाइन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। नेट से ही एक कार्ड जारी होगा। इलाज के दौरान अस्पताल में कार्ड स्वाइप होगा। निर्धारित धनराशि तक खर्च का इलाज कराने के बाद आगे की प्रक्रिया से कर्मचारी को मतलब नहीं रहेगा। प्रतिपूर्ति से कर्मचारी का मतलब नहीं रहेगा। सभी राज्य कर्मचारियों का आनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। जिसके लिए उनका आधार कार्ड होना आवश्यक है। साथ ही डिटेल में सेव किए जाने वाले परिजनों का भी आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। कर्मचारियों के परिवार के शादी-शुदा लोगों को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
निर्धारित अस्पतालों में ही होगा इलाज शासन की ओर से निर्धारित अस्पतालों में ही कर्मचारी या उनके परिवार को इलाज किया जाएगा। इसके लिए मशहूर 25 अस्पतालों का चयन किया गया है। जिसकी सूची कार्यालयों को दी जा चुकी है।

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