आठ साल की अलफिशा ने रखा पहला रोजा
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जौनपुर। इसे कहते हैं रब
में अकीदा और रब की रजा। महज आठ बरस की अलफिशा जहरा जैदी (डायना) ने पाक
मुकद्दस रमजान माह में न सिर्फ कुरआन का पाठ मुकम्मल किया बल्कि रोजा भी
रखा। शहर के बलुआघाट मोहल्ला निवासी गुलाम अब्बास जैदी की बेटी अलफिशा
जाहरा जैदी ने मुकद्दस महीने में अपने उस्ताद तौकीर हैदर के मार्गदर्शन में
कुरआन शरीफ पढऩा शुरू किया। इतना ही नहीं मासूम अलफिशा रोजा रखने की भी
जिद करने लगी। अभिभावकों ने भीषण गर्मी और भूख प्यास का हवाला देते हुए मना
किया लेकिन वह अडिग रही। आखिरकार अभिभावकों को इजाजत देनी ही पड़ी। अलफिशा
जाहरा ने 15 रमजान (जश्ने वेलादत हजरत इमाम हसन अलैहिस्सलाम) के दिन न
सिर्फ रोजा रखा बल्कि उसी दिन कुरआन शरीफ का पाठ भी मुकम्मल कर डाला।