दोहरा को बंद कराने के लिए युवाओ ने किया यज्ञ
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जौनपुर।
जौनपुर को दोहरा मुक्त बनाने का बिगुल बजाने वाले युवा समाजसेवी विकास
तिवारी के नेतृत्व में सोमवार को हवन-यज्ञ कार्यक्रम किया गया जहां दोहरा
मुक्त जौनपुर के लिये बुद्धि-शुद्धि यज्ञ के साथ गोमती नदी में दोहरे को
विसर्जित किया गया। इसके पहले युवाओं की एक टोली समाजसेवी श्री तिवारी के
नेतृत्व में केराकत नगर में स्थित गोमतेश्वर महादेव मन्दिर में एकत्रित
हुई। इस दौरान जौनपुर को दोहरा मुक्त बनाने के उद्देश्य से समाज में
जागरूकता लाने, शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षित कराने, जिले के सभी
जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित कराने, दोहरा खाने/बेचने वालों की
सद्बुद्धि के साथ हवन-यज्ञ किया गया। इस मौके पर श्री तिवारी ने दोहरा क्या
है, दोहरे से हानि, दोहरे से सम्बन्धित नामचीन चिकित्सकों के विचार, दोहरे
से हुई मौतों, दोहरे पर प्रतिबंध लगाने के लिये की गयी सामाजिक पहल,
शासन-प्रशासन द्वारा कृत कार्यवाही पर चर्चा किया। अन्त में जौनपुर में
बिकने वाले दाहरे को गोमती नदी में विसर्जित कर ईश्वर से प्रार्थना की गयी
कि जौनपुर को दोहरा मुक्त बनाइये। साथ ही दोहरा खाने से जिन लोगों की मौत
हुई है, उनकी आत्मा की शान्ति के लिये प्रार्थना की गयी। इस अवसर पर विपिन
तिवारी, श्रीनिवास दुबे, संदीप द्विवेदी, नीरज पाठक, विकास प्रजापति,
अर्जुन चौहान, शनि तिवार, संतोष राय, आलोक यादव, अमन तिवारी, नितेन्द्र
कुमार, राकेश कुमार, रविकांत प्रजापति, धीरज कुमार, अजीत यादव, प्रेमचन्द्र
मौर्य, दीपक कुमार, रूपचन्द्र, मुकेश कुमार, राम बाबू, राकेश जैसवार, पंकज
सोनकर, प्रदीप यादव, रवि चौहान, राहुल देव गौतम, श्रवण दुबे, गोलू
विश्वकर्मा, अमित मौर्य, पिण्टू पाण्डेय, सुनील कुमार सहित तमाम लोग
उपस्थित रहे।
उ0प्र0 के जौनपुर जिले में नषा के लिए एक विशेष प्रकार का खाद्य-मादक पदार्थ बिकता है जो देष के किसी अन्य हिस्से में नहीं पाया जाता है जिसका नाम है ‘‘दोहरा’’ जिसका जौनपुर जिले से बड़े पैमाने पर निर्यात भी किया जाता है, जौनपुर जिले में दोहरा बेचने वालों की अनगिनत दुकाने हैं यहाॅ तक कि मिठाई बेचने वाली दुकान व जनरल स्टोर्स पर भी धड़ल्ले से दोहरा बेचने का कारोबार किया जाता है दोहरा एक विषेश प्रकार का खाद्य मादक पदार्थ है, जौनपुर में दोहरा का निर्माण करने वाले कोई भी दुकानदार दोहरा बनाने कि सही जानकारी नहीं देता है, वजह सभी अपने-अपने विषेश तरीके से दोहरा बनाते है, पड़ताल करने पर पता चलता है कि सुपाड़ी को एक पात्र में तीन से चार दिनों तक भीगोकर रखा जाता है, इसके बाद चुने के पानी में इसे सोधा जाता है इसके बाद इसकी फर्री काटी जाती है, पहाड़ी कत्था ब्रास, पिपरमिंट, चूना, जर्दा के अलावा कुछ केमिकल से तैयार किया जाता है, आम चर्चा है कि कत्था की जगह दोहरा निर्माता ‘‘गैबियर’’ का प्रयोग कर रहे हैं जबकि इसका प्रयोग मोटे तौर पर टेनरियों में चमड़े की सफाई वगैरह में होता है इसका लाइसेंस भी इसलिए टेनरी संचालकों को मिलता है। पर इसकी बिना परवाह किये लोग इसे चाव से खाते और खिलाते हैं यह मीठा जहर आज हमारी युवा पिढी को अन्दर से खोखला कर रहा है।
दोहरे की पैकिंग -
दोहरा की पैकिंग अत्यन्त घटिया किस्म के प्लास्टिक के थैले में रबर लगाकर की जाती है, इस विषेश प्रकार के प्लास्टिक के थैले का निर्माण भी सिर्फ और सिर्फ जौनपुर में होता है।
‘‘दोहरा’’ के हानिकारक होने के कुछ कारण -
मुख्य खाद्य निरीक्षक जौनपुर जे0पी0 मौर्या की एक रिपोर्ट के अनुसार -
1- दोहरे में अक्सर भीगी सुपारी का प्रयोग होता है, जिसमें फंगस लगने की प्रबल सम्भावना होती है।
2- दोहरा निर्मााण इकाइयों के निरीक्षण से यह तथ्य सामने आया है कि जिस पात्र में सुपाड़ी मसाले भिगोकर सड़ाये जाते हैं, उसकी स्थिति मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, जो सीधे जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
3- दोहरा में यह सम्भावना रहती है कि इसमें किसी मादक पदार्थ का भी प्रयोग किया जाता है, जो कि जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
4- पी0एफ0ए0 एक्ट के अन्तर्गत दोहरा का कोई मानक निर्धारित नहीं है जिसकी वजह से निर्माता कोई भी अखाद्य पदार्थ मिला सकता है।
5- पी0एफ0ए0 एक्ट 1954 नियमावली 1955 के अन्तर्गत खाद्य पदार्थों की पैकिंग, बनाने की विधि, बेस्ट-बिफोर अवयन अंकित होना अनिवार्य है जब कि दोहरे में उपरोक्त में से कोई खाद्य पदार्थ घोशणा पैकेट पर अंकित नहीं होता है, इससे यह पता नहीं चलता है कि इसका निर्माण कब हुआ है तथा इसका प्रयोग कब तक किया जा सकता है यह जानकारी न होने से मानव स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव क्या पड़ेगा अन्दाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।
6- माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गुटखा, दोहरा पैकिंग में प्लास्टिक व प्लास्टिक कन्टेनरों का प्रयोग प्रतिबन्धित किया गया है, इसमें यह भी कहा गया है कि दोहरा सीधे जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
दोहरे के सन्दर्भ में देष के प्रतिश्ठित अस्पताल व डाक्टरों के विचार -
1- टाटा कैंसर अस्पताल मुम्बई के अनुसार जौनपुर जिले में बनने व बिकने वाला खाद्य मादक पदार्थ दोहरा कैंसर का कारणकारी पदार्थ है।
2- सर सुन्दरलाल चिकित्सालय बी0एच0यू0 वाराणसी व कैंसर विभागाध्यक्ष मल्लिका तिवारी के अनुसार प्रति वर्श जिला जौनपुर से लगभग पन्द्रह हजार लोग कैंसर का इलाज कराने के लिए बी0एच0यू0 चिकित्सालय में पंजिकरण कराते हैं।
3- कैंसर रोग विषेशज्ञ डा0 लालबहादुर सि़द्धार्थ कहते है जौनपुर जिले में सबसे अधिक मुॅह के कैंसर के रोगियों की संख्या है जिसका प्रमुख कारण जौनपुर में बिकने वाला खाद्य मादक पदार्थ दोहरा है, मेरे द्वारा पाँच सौ से अधिक मुह के कैंसर रोगियों का इलाज किया गया है, समय रहते अगर जागरुक नहीं हुए तो दोहरा महामारी का रूप धारण कर लेगा।
4- कैंसर सर्जन डा0 ए0के0 सिंह नारायण नर्सिंग होम जौनपुर कहते हैं दोहरा खाने से मुह का कैंसर, आँत का कैंसर, गले का कैंसर, जीभ का कैंसर, आदि कैंसर होता है, इसलिए दोहरा के निर्माण विक्रय पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगना चाहिए।
5- जिले के कार्डियोलाजिस्ट डा0 मेहर अब्बास, डा0 अषोक कुमार त्रिपाठी व अन्य डाक्टर भी दोहरे को हानिकारक व कैंसर का कारण मानते हैं।
6- जनविष्लेशक उ0प्र0 लखनऊ भी दोहरे को मानव स्वास्थ्य के लिए अपनी एक रिपोर्ट में हानिकारक मानते है।
दोहरा खाने से कैंसर हो जाने के कारण हुई मौतें -
हाल ही के दिनों में जौपुर का दोहरा खाने के कारण कैंसर हो जाने से अरुण कुमार शुक्ला हुसेनाबाद, मिन्टन सिंह निवासी-लाइन बाजार, सन्तोष जायसवाल रासमण्डल (सिपाह), विनोद प्रजापति निवासी- हुसेनाबाद आदि की मृत्यु हो गयी है, पंकज सोनकर निवासी- लाइन बाजार, रामवृक्ष निवासी- सीहिपुर आदि ने मुह का सफल आपरेशन कराया है जो अब ठीक है।
दोहरे पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए कि गयी सामाजिक पहल -
जौनपुर में बनने व बिकने वाले दोहरे के निर्माण विक्रय पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के लिए समाज सेवी विकास तिवारी द्वारा काफी दिनों से प्रयास किया जा रहा है, इस अनुक्रम में दिनांक 08 जून 2015 को जिलाधिकारी जौनपुर के माध्यम से तात्कालीन मुख्यमंत्री उ0प्र0 से पत्र भेज कर दोहरे पर प्रतिबन्ध लगाने की माॅग की गयी, लगभग पन्द्रह दिनों तक जनजागरूकता अभियान चलाया गया पुनः 23 जून 2015 को उपजिलाधिकारी केराकत के माध्यम से राश्ट्रपति भारत को पत्रक भेजकर दोहरा पर प्रतिबन्ध लगाने की माॅग की गयी पुनः 20 जुलाई 2016 को मा0 राश्ट्रपति भारत, मा0 प्रधानमंत्री भारत, मा0 राज्यपाल उ0प्र0, मा0 मुख्यमंत्री उ0प्र0, मा0 मुख्यन्यायाधीष इलाहाबाद हाईकोर्ट, जिलाधिकारी जौनपुर को पत्र लिखकर व मेल भेजकर दोहरा के निर्माण-विक्रय पर प्रतिबन्ध लगाने की माॅग की गयी, दिनांक 20 मार्च 2017 को समाज सेवी विकास तिवारी के नेतृत्व में युवाओं की एक टोली द्वारा नगर में बाईक जुलूस निकाला गया तथा जिलाधिकारी जौनपुर को दोहरा पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए पत्रक सौपा गया।
शासन व जिला प्रशासन द्वारा कृत कार्यवाही -
1- दिनांक 09 मई 2011 को तात्कालीन नगर मजिस्ट्रेट बालमयंक मिश्र द्वारा अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औशधि प्रषासन जे0पी0 मौर्य की रिपोर्ट पर ही दोहरे के निर्माण-विक्रय पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया था, बिन्दु (ग) में लिखे गये कथन जे0पी0 मौर्य के ही है।
2- दिनांक 24 अगस्त 2016 को अमित गुप्ता सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेष पर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औशधी प्रषासन उ0प्र0 व अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औशधि प्रषासन जौनपुर जे0पी0 मौर्य द्वारा यह लिखित सूचना उपलब्ध करायी गयी की दोहरे के खिलाफ षिकायत पर दोहरे के कुल 12 नमूने लेकर परीक्षण किया गया जिसमें दोहरा को विषुद्ध (विषेश षुद्ध) पाया गया।
3- टाटा कैंसर अस्पताल मुम्बई द्वारा एक रिपोर्ट में जौनपुर में बिकने वाले दोहरा को कैंसर का कारणकारी पदार्थ माना गया है तथा जौनपुर के मुॅह के 145 व पेटके 8 कैंसर रोगियों की बात स्वीकारी गयी है।
4- दिनांक 26 अक्टूबर 2016 को मा0राश्ट्रपति महोदय द्वारा आदेषित पत्र, उप सचिव मुख्यमंत्री उ0प्र0 षासन द्वारा जिलाधिकारी जौनपुर को भेजा गया एवं नियमानुसार उचित कार्यवाही करने के लिए कहा गया एवं कृत कार्यवाही से समाज सेवी विकास तिवारी को अवगत कराने के लिए कहा गया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही सम्बन्धित सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी।
5- मुख्य चिकित्साधिकारी जौनपुर से भी दोहरा प्रकरण में जन सूचना माॅगी गयी है लेकिन सूचना माॅगने के सात माह गुजर जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई सूचना अब तक उपलब्ध नहीं करायी गयी है।
6- खाद्य सुरक्षा एवं औशधि प्रषासन जौनपुर से दोहरे के सन्दर्भ में जन सूचना माॅगी गयी दिनांक 01/05/2017 को माॅगी गयी सूचना के एक माह गुजर जाने के बाद प्रथम अपील दिनांक 01/06/2017 करने पर आनन-फानन में उक्त विभाग द्वारा दिनांक 02/06/2017 को जो सूचना उपलब्ध करायी गयी उसमें यह साफ लिखा गया है कि दोहरा प्रकरण में उनके पास कोई सूचना नहीं है जब कि कुछ दिनों पहले ही उक्त विभाग द्वारा दोहरा प्रकरण से सम्बन्धित रिपोर्ट व कार्यवाही सम्बन्धित सूचना लिखित उपलब्ध करायी गयी है जो औशधि प्रषासन का दोहरा विक्रय और निर्माण को खुला संरक्षण प्रदान करने का प्रमाण है, जिसकी न्यायिक जाँच होनी चाहिए।
अपील व निवेदन-
जौनपुर का दोहरा लगातार तीन से चार साल तक खाने वालों को मुॅह का कैंसर व अन्य कैंसर हो जाता है, जिले के कई अफसर, नौकरषाह, पत्रकार, जनप्रतिनिधि, षिक्षक,साथी आदि दोहरे कि लत के षिकार है, मैं उनसे निवेदन करना चाहता हूॅ कि कृपया दोहरा छोड़ दीजिए, जिले के सभी सम्मानित जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों, पत्रकार बन्धुओं, मित्रों, षुभचिन्तकों से निवेदन करूॅगा की समाज में दोहरा के खिलाफ जागरुकता लाने में सहयोग करें। मुझे लगता है लिफाफे में बन्द चिट्ठियाॅ मा0 राश्ट्रपति जी, मा0 प्रधानमंत्री जी, मा0 मुख्यमंत्री जी, के पते पर भेजने के बाद भी आपके पते पर नहीं पहुॅचती है, या आप तक नहीं पहुॅचती है इसलिए आपसे खुला पत्र लिखकर और जौनपुर प्रषासन से निवेदन करता हूॅ कि जौनपुर में बिकने वाले दोहरा पर प्रतिबन्ध लगाने कि अतिषीघ्र पहल व कार्यवाही करें। जिससे जौनपुर को कैंसर रूपी बिमारी से आजादी मिल सके । जौनपुर में कैंसर रोग का प्रमुख कारण दोहरा ही है। सर्की षासन काल में जो जौनपुर देष की राजधानी हुआ करता था, जिसे षिराज-ए-हिन्द कहा जाता है, जिसे विद्धानों का मरकज कहा जाता है, जो अपनी अनोखी प्रतिभा मूली और मक्का के लिए प्रसिद्ध है, जो इत्र के लिए प्रसिद्ध है आज वह दोहरा रूपी जहर के मकड़जाल में फसा हुआ है, इसलिए आप से निवेदन है कि जौनपुर में बनने व बिकने वाले दोहरा पर मानव स्वास्थ्य को देखते हुए प्रतिबन्ध लगाइए।
कार्यक्रम के अन्त में जौनपुर में बिकने वाले दोहरा को गोमती नदी में विसर्जित कर ईष्वर से यह प्रार्थना की गयी की जौनपुर को दोहरा मुक्त बनाइए साथ ही दोहरा खाने से व कैंसर हो जाने के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो गयी उनकी आत्मा की षान्ति के लिए ईष्वर से प्रार्थना की गयी।