तड़पने लगी सड़के , पारा 43 पार
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जौनपुर। गर्म हवा के थपेड़े और सूरज की तपन कम होने का नाम नहीं ले रही है। दोपहर में सड़कें व घरों की छतें तक तपती रहीं। इससे घरों में मौजूद लोग देर शाम तक धूप में निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके । अब लोग बारिश की बेसब्री से प्रतीक्षा करने लगे है। जून के अंतिम सप्ताह में मानसून सक्रिय होने की संभावना है, लेकिन इस वक्त गर्मी से हाल बेहाल है। कुछ दिनों पहले हुई हल्की बूंदाबादी के बाद उमसभरी गर्मी बढ़ गई है। पिछले सप्ताह धूलभरी आंधी, बूंदाबादी व कुछ क्षेत्रों में हुई हल्की बारिश के बाद तन झुलसाने वाली गर्मी से राहत की उम्मीद बढ़ी थी। बारिश के बाद मौसम भी खुशनुमा हो गया था। गर्म हवाओं के थपेड़ों तो थमे, मगर उमस भरी गर्मी बढ़ गई। मंगलवार को तापमान 43 डिग्री को पार कर गया। जबकि दो दिन पहले पारा 39 से 40 डिग्री के आसपास रहा था। हालात यह है कि दिन में गर्मी और रात में ठंडी हवाएं चलने से मौसम का मिजाज लोग समझ नहीं पा रहे हैं। सुबह से ही सड़कें तपने लगीं हैं। हर कोई गर्मी से बचने के उपाय करता रहा। उमस ने हर किसी को घर के अंदर रहने को मजबूर कर दिया। सरकारी कार्यालयों व स्कूलों की छुट्टी होने के कारण ज्यादातर लोग पिकनिक मनाने की तैयारी में थे। मगर तेज धूप व उमस के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल सके। वहीं, दिन में उमसभरी गर्मी और रात में ठंडी हवाएं चलने से बीमारियां पैर पसारने लगीं हैं। डायरिया, उल्टी दस्त, बुखार तथा एलर्जी के रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। इन बीमारियों का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। शहर के सरकारी अस्पताल के अलावा निजी क्लीनिकों पर मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। डॉक्टरों की मानें तो अधिक पसीना निकलने से त्वचा के रिगवर्म, यीस्ट, एक्जिमा जैसे रोग हावी होने लगे हैं। इससे बचाव के लिए त्वचा को नमी व गर्म वातावरण से दूर रखने की जरूरत है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है जून के अंतिम सप्ताह में मानसून सक्रिय होने की संभावना है। अभी हवाओं के दबाव के कारण बारिश व बूंदाबादी के आसार बने हुए हैं। धूलभरी आंधी भी आ सकती है। फिलहाल लोगों को गर्मी से और जूझना पड़ सकता है।