योगी राज में भी D.I.O.S विभाग में चल रहा खेल !
https://www.shirazehind.com/2017/05/dios.html
जौनपुर। वैसे तो डीआईओएस विभाग में फर्जीवाड़े का खेल समय समय पर उजागर होता रहता है। फर्जीवाड़े का यह खेल योगी सरकार में बदस्तूर जारी है। यहां के जिला विद्यालय निरीक्षक बीजेपी सरकार में भी बेखौफ होकर एक स्कूल के ऐसे लिपिक का वेतन भुगतान कर दिया तो पिछले पांच चार से विद्यालय गया ही नही। इसकी लिखित शिकायत कालेज के प्रबंधक और प्रिंसपल द्वारा दे दिया गया था। इसके बावजूद भी लिपिक का वेतन भुगतान होना जिला विद्यालय निरीक्षक को कानून के कटघरे में खड़ा कर दिया है।
राष्ट्रीय विद्या मंदिर इण्टर कालेज चंदवक के कालेज के प्रबंधक श्याम बहादुर सिंह ने 25 अप्रैल 2017 को जिला विद्यालय निरीक्षक और वित्त एवं लेखाधिकारी को एक पत्रक देकर अवगत कराया था कि मेरे स्कूल के लिपिक चंद्र प्रकाश सिंह बीते 17 जनवरी 2017 से अनुपस्थित चल रहे है। उनको कई बार पत्र लिखकर और दूरभाष द्वारा विद्यालय आने को कहा गया लेकिन आज तक वे अपने ड्यूटी पर नही आये जिसके कारण उनका वेतन रोका जा रहा है।
प्रबंधक के इस कार्यवाही को ताख पर रखकर डीआईओएस ने 16 मई 2017 को उस लिपिक का वेतन दे दिया। वेतन भुगतान होने की खबर मिलते ही पूर्व प्रबंधक ने डीआईओएस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मै इसके खिलाफ हाईकोर्ट में केश करूंगा। उन्होने यह भी बताया कि लिपिक अपने आप को गृह मंत्री राजनाथ सिंह का करीबी बताकर अधिकारियों को अपने दबाव लेता रहता है। शायद इसी दबाव में आकर डीआईओएस ने वेतन भुगतान कर दिया है।
इस मामले पर डीआईओएस का पक्ष लेने के लिए उनसे दूरभाष पर सम्पर्क करने की कोशिश किया गया तो उनका मोबाईल नम्बर नेटवर्क में नही होना बताया।
राष्ट्रीय विद्या मंदिर इण्टर कालेज चंदवक के कालेज के प्रबंधक श्याम बहादुर सिंह ने 25 अप्रैल 2017 को जिला विद्यालय निरीक्षक और वित्त एवं लेखाधिकारी को एक पत्रक देकर अवगत कराया था कि मेरे स्कूल के लिपिक चंद्र प्रकाश सिंह बीते 17 जनवरी 2017 से अनुपस्थित चल रहे है। उनको कई बार पत्र लिखकर और दूरभाष द्वारा विद्यालय आने को कहा गया लेकिन आज तक वे अपने ड्यूटी पर नही आये जिसके कारण उनका वेतन रोका जा रहा है।
प्रबंधक के इस कार्यवाही को ताख पर रखकर डीआईओएस ने 16 मई 2017 को उस लिपिक का वेतन दे दिया। वेतन भुगतान होने की खबर मिलते ही पूर्व प्रबंधक ने डीआईओएस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मै इसके खिलाफ हाईकोर्ट में केश करूंगा। उन्होने यह भी बताया कि लिपिक अपने आप को गृह मंत्री राजनाथ सिंह का करीबी बताकर अधिकारियों को अपने दबाव लेता रहता है। शायद इसी दबाव में आकर डीआईओएस ने वेतन भुगतान कर दिया है।
इस मामले पर डीआईओएस का पक्ष लेने के लिए उनसे दूरभाष पर सम्पर्क करने की कोशिश किया गया तो उनका मोबाईल नम्बर नेटवर्क में नही होना बताया।