गांवों के सफाई कर्मियों पर शासन का रवैया सख्त

जौनपुर। गांवों में गंदगी और सफाईकर्मियों की मनमानी की शिकायतें पहुंचने पर निदेशक पंचायती राज ने सख्त रुख अपनाया है। इसके लिए ग्राम पंचायत सचिव व सफाई कर्मियों के लिए सख्त निर्देश जारी किया है। उन्हें गांवों में सफाई व्यवस्था के अनुरूप अपनी दिनचर्या निर्धारित करने को कहा है। कहा है कि जहां सफाई कर्मी नियमित ड्यूटी समय पर पंचायत में उपस्थित रहेंगे, वहीं पंचायत सचिव रोस्टर बनाकर सप्ताह में एक दिन गांव के कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याओं का निराकरण करेंगे। वे निर्माण व विकास कार्यों का पर्यवेक्षण भी करेंगे। निदेशक पंचायती राज विजय किरन आनंद ने जिलाधिकारी के माध्यम से सचिव व सफाई कर्मियों के दायित्व व कर्तव्यों को लेकर डीओ लेटर जारी करते हुए उन्हें तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि गांवों की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक राजस्व गांव पर सफाईकर्मी की तैनाती की गई है, जिसे गर्मी के मौसम में सुबह 7 बजे से दोपहर दो बजे तक अपने कार्य को अंजाम देना है, लेकिन अधिकांश कर्मचारियों के गांव में उपस्थित न रहने की शिकायतें मिल रही हैं। इसीलिए सभी कर्मी अपनी तैनाती के गांव में नियमित रूप से उपस्थित रहकर पंचायत भवन पर उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने के बाद सार्वजनिक भवनों की सफाई करेंगे। गलियों, नालियों की सफाई के लिए डीपीआरओ रोस्टर बनाकर सफाई करेंगे। सार्वजिनक भवनों पर डीपीआरओ, एडीओ पंचायत, ग्राम पंचायत सचिव व सफाई कर्मी का मोबाइल नंबर अवश्य अंकित किया जाए, ताकि इनकी अनुपस्थिति की सूचना ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों को दी जा सके। सफाई कर्मियों का यह भी दायित्व होगा कि वे खुले में शौच की प्रवृत्ति रोकने, कूड़ा करकट के उचित निस्तारण, बेकार पानी की निकासी के लिए समुदाय को प्रेरित करेंगे। ग्राम प्रधान के सहयोग से सामुदायिक सहभागिता से साफ सफाई को श्रमदान कराया जाए। ग्राम पंचायत सचिवों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे रोस्टर के अनुसार सप्ताह में एक दिन एक ग्राम पंचायत में सुबह दस से बारह बजे के बीच बैठेंगे। तीन बजे तक ग्राम पंचायत द्वारा कराए जा रहे कार्यों की देखरेख करेंगे। विभिन्न मजरों, मुहल्लों में जनता से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे, क्योंकि पंचायत के वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी उनकी है, इसीलिए जीरो टालरेंस नीति पर कार्य करेंगे। किसी भी तरह का भ्रष्टाचार कतई सहन नहीं किया जाएगा। प्रत्येक कार्य व व्यय का विवरण ग्राम पंचायत की मासिक बैठकों में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाए। अगर भ्रष्टाचार की शिकायत सही पाई गईं तो वैधानिक व दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ कहा है कि वह कभी भी गांवों के भ्रमण को आ सकते हैं। इसीलिए सफाईकर्मी तैयार रहें।

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