लू लगने से फेरीवाले की मौत
https://www.shirazehind.com/2017/05/blog-post_938.html?m=0
जौनपुर। जिले के केराकत कोतवाली थाना क्षेत्र के पठखौली गांव निवासी 55 वर्षीय द्रोणाचार्य पाठक की लू लगने से मौत हो गयी। बताते हैं कि वह साइकिल से कपड़ा का फेरी करता था और अपने पूरे परिवार का जीवन यापन करता था। सोमवार को दोपहर में कहीं से फेरी करके केराकत थाना के महज कुछ दूरी पर पहुंचा धूप लगने के कारणं उसे चक्कर सा आ गया वही साइकिल खड़ा करके लेट गया और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई । कुछ देर बाद आसपास के लोगों ने 100 नंबर को सूचना दिया सूचना देने के काफी देरी बाद मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया
कार्यप्रणाली तो बहाना, सीसी कैमरा पर है वकीलों का निशाना
जौनपुर। उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालयी कार्य प्रणाली एवं व्यवहार का विरोध कलेक्ट्रेट के अधिवक्ताओं ने किया है तथा तीन दिन उनके न्यायालय का निर्णय लिया गया है। सोमवार को अधिवक्ता उनके न्यायिक कार्य का बहिष्कार किये। इसके पूर्व कलेक्ट्रेट अधिवक्ताओं की एक आपात बैठक पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अध्यक्ष द्वारा उपजिलाधिकारी के कार्यप्रणाली एवं व्यवहार की समीक्षा करने के बाद ही अग्रिम कार्यवाही संपादित की जायेगी। इस बारे में पूछे जाने पर उपजिलाधिकारी सदर प्रियंका प्रियदर्शिनी ने कहा कि अधिवक्ताओं से बात की जायेगी और समस्या का उचित निस्तारण किया जायेगा। उधर सूत्रों से पता चला है कि उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालय में सीसी कैमरा लगने वाला है। इसका कुछ अधिवक्ता विरोध कर रहे हैं और इसको दूसरा रूप देकर न्यायालयी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे । एक अधिवक्ता ने इस बारे में कहा कि अधिवक्ताओं का एक वर्ग विशेष उपजिलाधिकारी सदर की न्याय प्रियता से परेशान होकर विरोध कर रहे है क्योकि पहले की तरह उनकी दाल नहीं गल रही है। कलेक्ट्रेट के युवा अधिवक्ता श्वेताभ पाण्डेय ने बताया कि उपजिलाधिकारी पवित्रता के साथ काम करी रही है। कुछ स्वार्थी तत्व उनके काम में बाधा डालने का काम कर रहे है। युवा अधिवक्ता एसडीएम के साथ है। उनके न्यायालय में सीसी कैमरा लगने का विरोध हो रहा है। उनके ही नहीं सभी न्यायायलयों में सीसी कैमरा लगना चाहिए। इससे कार्य न्यायालय की प्रणाली ही नहीं अधिवक्ताओं के कार्य व्यवहार में भी पारदर्शिता आयेगी जो वादकारियों के हित में होगा।
कार्यप्रणाली तो बहाना, सीसी कैमरा पर है वकीलों का निशाना
जौनपुर। उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालयी कार्य प्रणाली एवं व्यवहार का विरोध कलेक्ट्रेट के अधिवक्ताओं ने किया है तथा तीन दिन उनके न्यायालय का निर्णय लिया गया है। सोमवार को अधिवक्ता उनके न्यायिक कार्य का बहिष्कार किये। इसके पूर्व कलेक्ट्रेट अधिवक्ताओं की एक आपात बैठक पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अध्यक्ष द्वारा उपजिलाधिकारी के कार्यप्रणाली एवं व्यवहार की समीक्षा करने के बाद ही अग्रिम कार्यवाही संपादित की जायेगी। इस बारे में पूछे जाने पर उपजिलाधिकारी सदर प्रियंका प्रियदर्शिनी ने कहा कि अधिवक्ताओं से बात की जायेगी और समस्या का उचित निस्तारण किया जायेगा। उधर सूत्रों से पता चला है कि उपजिलाधिकारी सदर के न्यायालय में सीसी कैमरा लगने वाला है। इसका कुछ अधिवक्ता विरोध कर रहे हैं और इसको दूसरा रूप देकर न्यायालयी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे । एक अधिवक्ता ने इस बारे में कहा कि अधिवक्ताओं का एक वर्ग विशेष उपजिलाधिकारी सदर की न्याय प्रियता से परेशान होकर विरोध कर रहे है क्योकि पहले की तरह उनकी दाल नहीं गल रही है। कलेक्ट्रेट के युवा अधिवक्ता श्वेताभ पाण्डेय ने बताया कि उपजिलाधिकारी पवित्रता के साथ काम करी रही है। कुछ स्वार्थी तत्व उनके काम में बाधा डालने का काम कर रहे है। युवा अधिवक्ता एसडीएम के साथ है। उनके न्यायालय में सीसी कैमरा लगने का विरोध हो रहा है। उनके ही नहीं सभी न्यायायलयों में सीसी कैमरा लगना चाहिए। इससे कार्य न्यायालय की प्रणाली ही नहीं अधिवक्ताओं के कार्य व्यवहार में भी पारदर्शिता आयेगी जो वादकारियों के हित में होगा।