दिलचस्प होता जा रहा है भाजपा का टिकट
https://www.shirazehind.com/2017/05/blog-post_825.html?m=0
विनोद साहू
जौनपुर (शाहगंज ) नगरपालिका चुनाव अक्टूबर तक टल गया। मारामारी कुछ कम हुआ है। हालांकि संभावित प्रत्याशी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। वहीं अंदर खाने में खर्च बढने की बात भी की जा रही है। दारु- मुर्गा, बाटी- चोखा के दावत का दौर ठहर सा गया है। हालांकि जनसम्पर्क बदस्तूर जारी है।
टिकट के दावेदारों की सबसे लम्बी लाइन भारतीय जनता पार्टी में है। मोदी योगी के करिश्मे के बल पर मैदान मार अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने की होड़ मची है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा से कुल 17 लोगों ने टिकट का आवेदन किया है। पार्टी ने सभी से लिखित में ले लिया है कि पार्टी जिस किसी को भी टिकट देगी सभी समर्थन करेंगे। सभी ने लिख कर पार्टी को दे भी दिया है। लेकिन टिकट किसी को भी मिले बगावत तय है। तीन से चार लोग किसी भी हालत में मैदान छोडने को तैयार नहीं है। इस बाबत अंदर खाने तैयारी भी चल रही है। वहीं पार्टी विधानसभा चुनाव हारने के बाद शाहगंज नगर पालिका पर हर हाल में कब्जा चाहती है। इस बाबत पार्टी ने गुप्त सर्वे भी कराया है। पार्टी सर्वे में जो छनकर आ रहा है वह संभावित प्रत्याशियों का होश उडाने को काफी है। पूर्व में पति-पत्नी के रूप में 10 वर्ष अध्यक्ष रह चुके व्यक्ति को जीत का पक्का प्रत्याशी बताया जा रहा है।
प्रत्याशियों में एक को अपने धन बल व उपर के भाजपा नेताओं के सम्पर्क सम्बन्ध का भरोसा है तो किसी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अपनी पकड़ का भरोसा... वहीं अन्य उम्मीदवार मोदी-योगी के करिश्मे व अपनी छवि के भरोसे नैया पार लगाने की उम्मीद धरे हुए हैं।वहीं जनपद के भाजपा में संगठन के शिखर पर बैठे दो नेता सर्वे के महत्व के मुताबिक टिकट देने की पैरोकारी कर रहे हैं।
फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा टिकट का दांव किसपर लगाती है। नैया मझधार पार करेंगी या लहरों के ही बीच उलझ कर रह जाती है। पार्टी का मिशन हरहाल में नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के लक्ष्य का सपना साकार होता है या फिर एक और हार का सामना करना है।
जौनपुर (शाहगंज ) नगरपालिका चुनाव अक्टूबर तक टल गया। मारामारी कुछ कम हुआ है। हालांकि संभावित प्रत्याशी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। वहीं अंदर खाने में खर्च बढने की बात भी की जा रही है। दारु- मुर्गा, बाटी- चोखा के दावत का दौर ठहर सा गया है। हालांकि जनसम्पर्क बदस्तूर जारी है।
टिकट के दावेदारों की सबसे लम्बी लाइन भारतीय जनता पार्टी में है। मोदी योगी के करिश्मे के बल पर मैदान मार अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने की होड़ मची है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा से कुल 17 लोगों ने टिकट का आवेदन किया है। पार्टी ने सभी से लिखित में ले लिया है कि पार्टी जिस किसी को भी टिकट देगी सभी समर्थन करेंगे। सभी ने लिख कर पार्टी को दे भी दिया है। लेकिन टिकट किसी को भी मिले बगावत तय है। तीन से चार लोग किसी भी हालत में मैदान छोडने को तैयार नहीं है। इस बाबत अंदर खाने तैयारी भी चल रही है। वहीं पार्टी विधानसभा चुनाव हारने के बाद शाहगंज नगर पालिका पर हर हाल में कब्जा चाहती है। इस बाबत पार्टी ने गुप्त सर्वे भी कराया है। पार्टी सर्वे में जो छनकर आ रहा है वह संभावित प्रत्याशियों का होश उडाने को काफी है। पूर्व में पति-पत्नी के रूप में 10 वर्ष अध्यक्ष रह चुके व्यक्ति को जीत का पक्का प्रत्याशी बताया जा रहा है।
प्रत्याशियों में एक को अपने धन बल व उपर के भाजपा नेताओं के सम्पर्क सम्बन्ध का भरोसा है तो किसी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अपनी पकड़ का भरोसा... वहीं अन्य उम्मीदवार मोदी-योगी के करिश्मे व अपनी छवि के भरोसे नैया पार लगाने की उम्मीद धरे हुए हैं।वहीं जनपद के भाजपा में संगठन के शिखर पर बैठे दो नेता सर्वे के महत्व के मुताबिक टिकट देने की पैरोकारी कर रहे हैं।
फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा टिकट का दांव किसपर लगाती है। नैया मझधार पार करेंगी या लहरों के ही बीच उलझ कर रह जाती है। पार्टी का मिशन हरहाल में नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के लक्ष्य का सपना साकार होता है या फिर एक और हार का सामना करना है।