
जौनपुर। वरिष्ठ पत्रकार व लेखक विद्या प्रकाश श्रीवास्तव का जिला अस्पताल में शुक्रवार को देर रात लीवर में संक्रमण के कारण निधन हो गया। वे 58 वर्ष के थे। यह जानकारी मिलते ही पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गयी। उनका अन्तिम संस्कार रामघाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र अनुराग श्रीवास्तव ने दिया। जहां कुछ ही पत्रकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। ज्ञात हो कि मूल रूप से मछली शहर के जमुहर गांव निवासी श्रीवास्तव सिपाह में आवास बनाकर तीन दशक से अधिक समय से रहते थे। हिन्दी और संस्कृत से परास्नातक तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद पत्रकारिता का दामन पकड़ा और जीवन पर्यन्त इसी से जुड़े रहे। दर्जनों पत्र , पत्रिकाओं में अपनी अपनी विशिष्ट लेखनी से उन्होने अपना एक अलग पहचान बनायी। शान्त स्वभाव तथा आधुनिक पत्रकारिता के चोचले से दूर रहने वाले विद्या प्रकाश ने एक दर्जन दैनिक अखबारों के साथ ही नन्दन, चम्पक सहित अनेक राष्ट्रीय हिन्दी पत्रिकाओं में अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के अनछूये पहलुओं पर प्रहार किया। सिपाह स्थित अपने आवास से पैदल ही अखबारों के कार्यालय में समय से पहले पहुंचकर कलम चलाने में जुट जाते वे बहुत कम बोलने वाले पत्रकार विद्या प्रकाश चमक दमक से दूर अपने काम से वास्ता रखते थे। उनकी पत्नी दीवानी न्यायालय में अधिवक्ता तथा एकमात्र पुत्र फिजियोथेरेपी की डिग्री लेने के बाद चार वर्षो से निजी प्रक्टिस करते है। आज के चकाचैध के युग में उन जैसा पत्रकार होना असंभव है। पत्रकारों ने उन्हे अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।