कुछ लोग निजी स्वार्थ में हमारे संस्थान के छात्रों एवं चिकित्सकों को कर रहे है भ्रमित

जौनपुर। बोर्ड आफ इलेक्ट्रो होमियोपैथिक सिस्टम आफ मेडिसिन बिहार, पटना के रजिस्ट्रार डा0 आर0सी0 प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रो होमियों पैथिक (वनस्पति जगत से तैयार औषधियों) के विकास हेतु यह संस्थान वर्ष 1977 से सम्पूर्ण भारत में कार्यरत है। उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में इस संस्थान द्वारा सम्बद्धता प्राप्त कई मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय संचालित किए जा रहे हैं। जिससे सैकड़ो की संख्या में प्रतिवर्ष नये चिकित्सक शिक्षा प्राप्त कर जन सेवा में लगे हुए हैं। उ0प्र0 के कुछ अन्य इलेक्ट्रो होमियों पैथिक संस्थान के जिम्मेदार लोग अपने निजी स्वार्थ में, हमारे संस्थान के छात्रों एवं चिकित्सकों को भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं। बोर्ड नियमावली के अनुसार इस संस्थान से इलेक्ट्रहोमियोपैथिक की शिक्षा प्राप्त कर जो भी चिकित्सक अपना पंजीकरण कराकर इस सिस्टम से इमानदारी पूर्वक चिकित्साभ्यास कर रहे हैं उन्हें सम्पूर्ण भारत की कोई भी सरकार न तो चिकित्सा कार्य करने से रोक सकती है और न उन्हे ं कोई सजा दे सकती है। संस्थान से पंजीकृत चिकित्सक को प्रतिवर्ष 31 मार्च तक पंजीकरण प्रमाण पत्र का नवीनी करण कराया जाना अनिवार्य होता है, जो ऐसा करने में असफल होते हैं उनका नाम बोर्ड की पंजीकरण सूची से बाहर कर दिया जाता है। जनहित में यह बताया जाना आवश्यक है कि कोई भी सरकारी अथवा गैर सरकारी व्यक्ति संस्थान से पंजीकृत चिकित्सक के साथ किसी भी प्रकार का अप्रत्याशित व्यवहार करता है तो वे तत्काल बोर्ड आफिस से सम्पर्क स्थापित करें, जिससे ऐसे व्यक्ति के प्रति वैधानिक कार्यवाही की जा सके। उक्त आशय की जानकारी एम.इ.एच. मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा0 वाई0 के0 गुप्त ने दी।

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