आरोपियों पर कार्रवाई के बजाय पीड़ित को ही प्रताड़ना
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योगीराज में भी नहीं सुधर रहा पुलिस का रवैया
ओलंदगंज में मोबाइल दुकानदार की पिटाई व लूटपाट का मामला
जौनपुर।
योगीराज में भी कानून व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हो
रहा है। शहर कोतवाली क्षेत्र के सरायपोख्ता पुलिस चौकी के ठीक बगल स्थित
मोबाइल की दुकान में हमला बोलकर दिनदहाड़े दुकानदार की पिटाई व लूटकाण्ड की
घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। उच्च अधिकारियों को ट्वीट के
पश्चात् कोतवाली पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया मगर आरोपियों पर कार्रवाई के
बजाय पीड़ित पर तहरीर बदलने के लिए दबाव बना रही है।
गौरतलब
हो कि उक्त पुलिस चौकी के बगल स्थित शीला मोबाइल शॉप पर गुरूवार को
अपरान्ह करीब 6 बजे 20-25 की संख्या में आये बदमाशों ने दुकानदार शैलेश
कुमार निषाद सनी पर धारदार हथियार से हमला बोल दिया। दुकानदार की जमकर
पिटाई के बाद एक सोने की चेन, रिपेयर की गयी मोबाइल को लेकर भाग गये। इस
दुस्सासहिक वारदात में सनी को गम्भीर चोट आयी। पीड़ित ने बताया कि गुरूवार
को दोपहर एक ग्राहक मोबाइल बनवाने के लिए दुकान पर आया था। मोबाइल ठीक होने
के बाद वह रिपेयरिंग चार्ज नहीं दे रहा था। इसको लेकर उससे कुछ कहासुनी
हुई थी। बोला कि एक रूपया भी नहीं देंगे। कुछ देर बाद वह 20-25 लोगों को
साथ में लेकर आया और धारदार हथियारों से दुकानदार पर सीधे हमला बोल दिया।
दुकानदार की जमकर पिटाई के बाद अपनी मोबाइल तथा दुकानदार की चेन छपटकर
भागने लगे।
चौकी
के बगल इतनी बड़ी वारदात के बाद भी कोई पुलिसकर्मी मौके पर नहीं आया। आसपास
के लोगों ने पीछा कर किशन सिंह पुत्र राजू विक्रम सिंह, अश्वनी प्रताप
सिंह पुत्र जयप्रकाश, गौरव सिंह पुत्र मनमोहन सिंह को पकड़ लिया और उसे
पुलिस चौकी पर ले गये तथा आपबीती बतायी। पुलिस तीनों को कोतवाली ले गयी।
वहां पर तहरीर देने के बाद कोतवाल मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करने लगे।
पीड़ित ने उच्च अधिकारियों को ट्वीट कर घटना तथा पुलिस के रवैये की जानकारी
दी। उसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने शुक्रवार को सुबह तीन नामजद और 20 अज्ञात
के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 504, 506, 147 व 392 के तहत मुकदमा दर्ज तो
कर लिया मगर भाजपा व हिन्दू युवा वाहिनी के नेताओं के दबाव में लीपापोती पर
जुटी है।
आज
सुबह मोबाइल दुकान पर कुछ सिपाही दुकानदार को कोतवाली पर बुलाने आये।
दुकानदार के जख्मी होने के कारण उसका भाई कोतवाली गया वहां कोतवाल तहरीर
बदलने के लिए दबाव बनाने लगे। कहे कि तहरीर हमारे अनुसार बनाओ नहीं तो
क्रास केस कराकर सबक सीखा दूंगा, विवेचना हमें ही करनी है। जब पीड़ित के भाई
ने ओलंदगंज चौराहे और दुकान के ठीक सामने लगे सीसीटीवी का हवाला दिया तो
उन्होंने तपाक से कहा कि वह तो खराब है। कोतवाली पुलिस के रवैये तथा सत्ता
पक्ष के नेताओं के दबाव से पीड़ित और उसका परिवार मानसिक दबाव में है। इसके
साथ ही स्थानीय व्यापारियों में दहशत का माहौल है।