अब रंगीन ड्रेस में दिखेगें परिषदीय स्कूल के बच्चे
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जौनपुर। सपा सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को खाकी ड्रेस पहनाई थी लेकिन अब योगी सरकार ने इस ड्रेस को बदलकर रंगीन कर दिया है। परिषदीय विद्यालय के बच्चों को पहचानने का बहुत सरल उपाय है उनकी यूनिफार्म। स्कूल आते-जाते या कहीं अन्य खाकी पैंट शर्ट पहने बच्चों को देखकर सहज ही पता चल जाता है कि अमुक बच्चा सरकारी विद्यालय में पढ़ता है। समस्या यह नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि ऐसा पता लगने के साथ ही देखने वाले और उसे पहनाने पहनने वाले की मानसिकता में बच्चे के प्रति उपेक्षा का भाव उत्पन्न होता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। परिषदीय विद्यालयों में सरकार ने नया ड्रेस कोड लागू कर दिया है। इसमें यूनिफार्म बिल्कुल नये रंगों तथा अधिक आकर्षण होगी जो किसी अच्छे प्राइवेट स्कूल की यूनिफार्म से कमतर नहीं लगेगी। सरकार द्वारा प्रतिवर्ष बच्चों को दी जाने वाली दो जोड़ी निशुल्क यूनिफार्म में अब गुलाबी शर्ट पट्टीदार व कोकोकोला रंग की पैंट होगी। परिषदीय विद्यालयों के बच्चे पुरानी बोझिल खाकी कपड़े नहीं बल्कि जुलाई से रंगीन यूनिफॉर्म में नजर आएंगे। नई यूनिफॉर्म में शर्ट अथवा कुर्ता छोटे चेक वाले गुलाबी रंग की व सलवार सूट पर दुपट्टा कोको कोला रंग का होगा और शर्ट का रंग भी कोको कोला होगा। इस वर्ष से एक कवायद यह भी की गई है कि पुलिस थाने की तर्ज पर परिषदीय विद्यालय में भी बड़े दर्पण (शीशा) लगाए जाएंगे। इन दर्पण में विद्यार्थी स्वयं देखेंगे कि उनकी यूनिफार्म ठीक है। नई यूनिफॉर्म व्यवस्था लागू करने के पीछे यह विश्वास जताया जा रहा है कि इससे बच्चे प्रसन्नचित रहने के साथ उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। नई यूनिफॉर्म का एक लाभ यह भी है कि बच्चे इसे पहनकर कार्यक्रमों में भी सम्मिलित हो सकते हैं। बीएसए कार्यालय के सूत्रों ने बताया है कि सरकार ने पुरानी ड्रेस को रिजेक्ट कर दिया है। प्राइवेट स्कूलो की तर्ज पर सरकारी स्कूल के बच्चों को भी रंग बिरंगी ड्रेस वितरण की जाएगी।