अब ग्राम पंचायतें करा सकेगी हैण्डपंप रीबोर
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जौनपुर। रीबोर स्थिति वाले हैंडपंपों को ठीक कराने को शासन से धन आवंटन का इंतजार नहीं करना होगा। अब रीबोर वाले हैंडपंप ठीक कराने की सीधी जिम्मेदारी से जल निगम को अलग कर दिया गया है। 14वें वित्त आयोग/राज्य वित्त से हैंडपंप रीबोर का काम अब पंचायतें कराएंगी। गर्मी में हैंडपंप खराबी से पेयजल संकट गहरा जाता है। सबसे अधिक समस्या रीबोर स्थिति वाले हैंडपंप ठीक कराने को लेकर आती है। रीबोर स्थिति वाले हैंडपंप ठीक कराने का जिम्मा अभी तक जल निगम के पास था। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन में बजट मंजूरी को भेजा जाता था। बाद में आवंटित बजट से डीएम के अनुमोदन के अनुसार रीबोर कराया जाता था। शासन से बजट नहीं मिलने पर रीबोर वाले हैंडपंप ठूंठ बने रहते थे। वहीं गांवों में पेयजल किल्लत से लोगों को जूझना पड़ रहा था। अब रीबोर स्थिति वाले हैंडपंपों को ठीक कराने का जिम्मा ग्राम्य विकास अनुभाग ने ग्राम पंचायतों को दिया है। यह बदली व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के संकट को देखते हुए लागू की गई है। ग्राम पंचायतें रीबोर वाले हैंडपंप राज्य वित्त से ठीक होंगे। पंचायतों को यह छूट दी गई है कि चाहे तो वह स्वयं रीबोर करा लें या फिर जल निगम से रीबोर कराएं।