फर्जी तरीके से टिकट आरक्षण का खेला जा रहा था खुला खेल, रेलवे को लगा चुके है 10 लाख का चुना
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जौनपुर। फर्जी ई-टिकटिंग के खेल का रविवार की देर रात भंडाफोड़ हो गया। जांच के दौरान सामने आया कि आरोपियों ने रेलवे को 9 लाख 74 हजार 228 रुपये का चूना लगाया है, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। यह कार्रवाई एक दिन पूर्व लखनऊ से आई रेलवे की अपराध शाखा की विशेष टीम ने आरपीएफ की मदद से नगर स्थित सत्यम कंप्यूटर सेंटर पर छापेमारी कर की।
आइआरसीटीसी से फर्जी तरीके से टिकट आरक्षण का खुला खेल खेला जा रहा था। इसकी शिकायत अपराध शाखा लखनऊ से की गई थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए रेलवे अपराध शाखा की विशेष टीम गठित कर यहां भेजी गई थी। दोनों टीमों ने एक साथ नगर के ओलंदगंज-टीडी कालेज मार्ग स्थित सत्यम कंप्यूटर सेंटर पर छापेमारी की। यहां से दो लोगों को पकड़ लिया गया। देर रात तक चली जांच के बाद आरपीएफ प्रभारी अवतार सिंह ने बताया कि 256 रेल टिकट के प्रिंट आउट मिले हैं, जो संबंधित लोगों को बेचे जा चुके हैं और वे यात्रा भी कर चुके है।
इनकी कीमत 8 लाख 11 हजार 173 रुपये है। इसके अलावा 62 टिकट ऐसे हैं, जिनके प्रिंट आउट संबंधित यात्रियों को दे तो दिए गए हैं किंतु अभी उनका सफर किया जाना बाकी है। इन टिकटों की वैल्यू 1 लाख 63 हजार 55 रुपये है, जिसे सीज कर दिया गया है। इसमें कुछ यात्री टिकट ले गए थे और कुछ नहीं। अब ये सभी टिकट प्राप्त करने वाले यात्री सफर नहीं कर सकेंगे। दो माह में ये रेलवे को कुल 9 लाख 74 हजार 228 रुपये का चूना लगा चुके हैं। आरोपी अवनीश राय निवासी पेसारा, केराकत और अजीत यादव निवासी नेवड़ा थाना गौराबादशापुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मौके से 5 लैपटाप, एक प्रिंटर, दो डोंगल, चार्जर और मोबाइल भी बरामद हुआ।
साभार - दैनिक जागरण
साभार - दैनिक जागरण