नवरात्रि में दक्षिणकाली मंदिर में उमड़ रही है दर्शनार्थियों की भारी भीड़
https://www.shirazehind.com/2017/03/blog-post_813.html
जौनपुर। शहर के दक्षिणी छोर पर सिटी स्टेशन रेलवे क्रासिंग के निकट मड़ियाहूँ पड़ाव पर स्थापित मंदिर में श्री मां आद्याशक्ति दक्षिणा काली की विशाल प्रतिमा अत्यन्त मनोहारी है। पूर्वान्चल मंे ऐसे आकर्षक भव्य कालिका धाम मंदिर की महिमा अत्यन्त निराली है। यहां पर नित्य भक्तों द्वारा माँ का दर्शन पूजन एवं श्रद्धा समर्पण तत्काल मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है। नवरात्रि में मां काली का दर्शन करने के लिए दूर-दराज से लोग काफी संख्या में लोग यहां पर आते हैं। भोर में ही मंदिर का कपाट पूजन अर्चन के बाद भक्तों के लिए खुल जाता है। यहां पर नवरात्रि के पहले दिन से ही मां भक्तों की भारी भीड़ पहुंच रही है। श्रद्धालु नारीयल, चुनरी व अड़हुल की माला अर्पित कर हाजिरी लगा रहे है। इस मंदिर की स्थापना सन् 1984 में हुयी है। मंदिर के संस्थापक व संचालक भागौती सिंह ‘वागीश’ ने प्रवचन के दौरान बताया कि यह स्थलीय काली जी की सनातनी सिद्धपीठ है। जो भक्तों के भाग्य का नवसृजन कर देती है। ज्ञान, भक्त्,ि बैराग्य का संवद्ध्र्रन कर शान्ति, भक्ति, आनन्द समृद्धि एवं आपार करुणा का विस्तार कर देती है। कलयुग में काली जी की कृपा आपार है। जो व्यक्ति सच्चे दिल से मां का नाम का प्रतिपल स्मरण करता है, उसके भाग्य का कपाट खुल जाता है। मां की कृपा जब भक्तों पर हो जाती है तो असंभव भी संभव हो जाता है। मृत्यु जीवन में बदल जाता है। जीवन प्रशान्त सुखद व आनन्दित हो जाता है।
इस बार चैत्र नवरात्रि में 3 अक्टूबर, सोमवार को कालीरात्रि का दिन है। इस दिन सप्तमी है। यह दिन मां काली का सर्वशक्ति एवं सौभाग्य प्रदायक है। इस दिन मां का दर्शन, पूजन-अर्चन, स्तवन तथा स्मरण जीवन को ज्योर्तिमय तथा मंगलमय कर देता है। पूर्णश्रद्धा एवं अटल विश्वास के साथ मां का उपासना सदैव कल्याणकारी होता है। अतः कलयुग में काली जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। नवरात्रि में दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए संतोष श्रीवास्तव एडवोके, दलसिंगार विश्वकर्मा, रामपाल विश्वकर्मा, एसपी.सिंह जाम, वेद प्रकाश सिंह एडवोकेट, देवेन्द्र सिंह, सर्वेश सिंह, विपिन सिंह, वंदेश सिंह आदि भक्तिगण व्यवस्था में लगे रहते हैं।
इस बार चैत्र नवरात्रि में 3 अक्टूबर, सोमवार को कालीरात्रि का दिन है। इस दिन सप्तमी है। यह दिन मां काली का सर्वशक्ति एवं सौभाग्य प्रदायक है। इस दिन मां का दर्शन, पूजन-अर्चन, स्तवन तथा स्मरण जीवन को ज्योर्तिमय तथा मंगलमय कर देता है। पूर्णश्रद्धा एवं अटल विश्वास के साथ मां का उपासना सदैव कल्याणकारी होता है। अतः कलयुग में काली जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। नवरात्रि में दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए संतोष श्रीवास्तव एडवोके, दलसिंगार विश्वकर्मा, रामपाल विश्वकर्मा, एसपी.सिंह जाम, वेद प्रकाश सिंह एडवोकेट, देवेन्द्र सिंह, सर्वेश सिंह, विपिन सिंह, वंदेश सिंह आदि भक्तिगण व्यवस्था में लगे रहते हैं।