जेसीआई क्लासिक द्वारा चलाया गया स्वयं जागरूकता अभियान
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जौनपुर। जेसीआई क्लासिक के तत्वाधान में महिला शाखा द्वारा जारी नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम स्वयं के अन्तर्गत जेसी बालबाड़ी विद्यालय के बच्चों व धरनीधरपुर की महिलाओं को थैलेसिमिया व मलेरिया के विषय पर जागरूक किया गया। थैलेसिमिया के विषय में बताते हुए डा0 ज्योति रस्तोगी ने बताया बच्चों को माता-पिता से आनुवांशिक तौर पर मिलने वाला यह रक्त रोग है। इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लाबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान तीन माह के बाद ही होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण बार-बार बाहरी खून की आवश्यकता होती है। साथ ही बचाव के लिए बताया कि गर्भावस्था के दौरान खून की जाँच करायें। रोगी की हीमोग्लोबिन 11 या 12 बनाये रखने की कोशिश करें। चेयरपर्सन जेसीरेट ऋचा गुप्ता ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष सात से दस हजार थैलेसेमिया ग्रस्त बच्चों का जन्म होता है। भारत में कुल जनसंख्या का 3.4 प्रतिशत भाग थैलेसिमिया से पीड़ित है। इसके अलावां मलेरिया के विषय में बताया कि मलेरिया के परजीवी घटक का वाहक मादा मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके बहुगुणित होते हैं। जिससे रक्तहीनता, बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसे लक्षण देखे जाते हैं। मलेरिया फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी व कीड़े भगाने वाली दवाएँ व साफ सफाई व्यवस्था के द्वारा रोका जा सकता है। जानकारी के लिए सभी को पुस्तिका भी वितरित की गयी। कार्यक्रम में ममता गुप्ता, सोनिका श्रीवास्तव, रीता कश्यप, शालिनी सेठ, मेघना रस्तोगी, अलका उपाध्याय आदि उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के अन्त में सचिव संगीता सेठ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।