सुर्खियों में बने हुये हैं आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी शाहगंज
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जौनपुर।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शाहगंज के चिकित्साधिकारी इस समय काफी
सुर्खियों में बने हुये हैं। इसको लेकर जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा
है, वहीं सूत्रों की मानें तो उक्त चिकित्सक दण्डित भी किये जा चुके हैं।
सूर्खियों में आयी चर्चाओं के अनुसार उक्त चिकित्सक धारा 302 के आरोपी हैं
जो इसी आरोप में जेल भी जा चुके हैं। इसके अलावा और भी कई गम्भीर आरोप उन
पर हैं जिसकी जांच चल रही है। मालूम हो कि लोगों द्वारा दी गयी शिकायत पर
आरोपों की जांच प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन ने किया जिस
पर आरोप सिद्ध होने पर उक्त चिकित्सक अर्थदण्ड से दण्डित किये गये। इधर
विभागीय लोगों के अनुसार उक्त चिकित्सक बीते एक सप्ताह से क्षेत्रीय
आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय जौनपुर में आते हैं जो अपने
लाइसेंसी रिवाल्वर का खुलेआम प्रदर्शन भी करते हैं। चर्चाओं की मानें तो वह
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी का पद हथियाना चाहते हैं जबकि
जनपद में ये कनिष्ठ चिकित्सक हैं। लोगों का कहना है कि इतनी गम्भीर आरोपों
एवं विवादों में रहने के बावजूद भी शासन-प्रशासन एकदम मौन है जबकि कार्यालय
के अधिकारी व कर्मचारी भय के साये में जी रहे हैं। इस संदर्भ में
सम्बन्धित विभाग, जिलाधिकारी सहित शासन को कई बार पत्र प्रेषित किया जा
चुका है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। लोगों के अनुसार पिछली
सरकार के प्रभावशाली व दबंग नेताओं की छाया भी उक्त चिकित्सक पर बनी हुई
थी। शासनादेश है कि दो वर्ष से कम अवधि के अधिकारियों व कर्मचारियों का
तबादला नहीं किया जा सकता है लेकिन इस आदेश के खिलाफ उक्त चिकित्सक द्वारा
वर्तमान में तैनात डा. विजय प्रताप के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका
योजित कर दिया गया जिस पर यथास्थिति से सम्बन्धित आदेश पारित हो चुका है।