भारत का सबसे बड़ा पर्व बन गया है नवरात्रिः डा. दिलीप सिंह
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जौनपुर।
महापर्व नवरात्रि आज भारत का सबसे बड़ा पर्व बन गया है। वर्ष में दो बार
शरद एवं बसंत ऋतु में शारदीय एवं बासंतिक नवरात्रि मनायी जाती है जो दिन
प्रत्तर और घण्टों के अनुक्रम में 8 या 9 दिन की होती है। उक्त बातें चैत्र
नवरात्रि की पूर्व संध्या पर में नगर के रिजवी खां में आयोजित
बुद्धिजीवियों की विचार गोष्ठी में जूरी जज डा. दिलीप सिंह ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि इस बार साधारण संवत्सर 2074 विक्रम संवत् का 8 दिवसीय
बासंतिक नवरात्रि असाधारण फलदायी एवं शुभ होगा, क्योंकि मां भगवती का शुभ
आगमन नौका पर एवं विदाई हाथी पर होगी। फिर भी मौसम गर्मी एवं वर्षा का
घनघोर उग्र ताण्डव पूरे विश्व में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अद्भुत
बात यह है कि बुधवार को आरम्भ हो रहे इस महापर्व का समापन भी बुधवार को
होगा। 29 मार्च दिन बुधवार को कलश घट स्थापन का समय सुबह 5.30 से 6.30 बजे
तक है। 6.35 से द्वितीय तिथि लग जायेगी। यदि किसी कारण इस काल में कलश घट
स्थापन संभव न हो सके तो दिन में 11.35 से 12.25 के बीच करना चाहिये।
उन्होंने कहा कि इस बार द्वितीया तिथि का क्षय या लोप है। हवन के बाद 5
अप्रैल को श्रीराम नवमी के दिन होगा तथा व्रत का पारण 6 अप्रैल को किया
जायेगा। 29 मार्च को मुखनिर्मलिका व ज्येष्ठा गौरी, 30 मार्च को सौभाग्य,
31 मार्च को श्रृंगार, 1 अप्रैल को विशालाक्षी, 2 अप्रैल को ललिता, 3
अप्रैल को भवानी, 4 अप्रैल को मंगला व 5 अप्रैल को महालक्ष्मी गौरी का
दर्शन है। इस अवसर पर तमाम बुद्धिजीवी लोग, गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित
रहे।