पद्मश्री प्रो. बी.एन. सुरेश विश्वविद्यालय के शिक्षकों से रूबरू हुए
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जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शोध एवं नवाचार केन्द्र में
मंगलवार को 20वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री एवं पद्मभूषण
प्रो. बी.एन. सुरेश विश्वविद्यालय के शिक्षकों से रूबरू हुए।उन्होंने
आधुनिक सैटेलाइट तकनीकी पर विस्तार से अपनी बात रखी. कहा कि आज के समय में
कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहा सैटेलाइट का प्रभाव न पड़ रहा हो.कृषि,
वानिकी, प्राकृतिक संसाधन, सूचना तकनीकी, टेली मेडिसिन के क्षेत्र में
सैटेलाइट के कारण क्रन्तिकारी बदलाव आएं है. हमारे देश में सैटेलाइट के
क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है, नई तकनीकी और अभियांत्रिकी ने सैटेलाइट के
निर्माण में हमें मजबूती दी है.
उन्होंने कहा की आज जीपीएस का
प्रयोग अमेरिकी सैटेलाइट से करते है अगर वह सिग्नल से देना बंद कर दे बहुत
सारे क्षेत्र प्रभावित हो जायेंगे। भारत ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
संगठन (इसरो) द्वारा विकसित नाविक सैटेलाइट की मदद से आत्म निर्भरता पाने
की तरफ कदम बढ़ा दिया है.
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. बी.बी. तिवारी ने उपग्रह संचार के विषय में इसके जनक आर्थर क्लार्क के स्वपन की चर्चा की.
इस
अवसर पर प्रो. एच.सी. पुरोहित, डाॅ. अजय प्रताप सिंह, डाॅ. मानस पाण्डेय,
डाॅ. एके श्रीवास्तव, डॉ बी डी शर्मा, डॉ संजीव गंगवार, डाॅ. अविनाश
पाथर्डीकर, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह समेत विश्वविद्यालय
के समस्त विभागों के शिक्षक मौजूद रहे।