नही मिला पार्टी का टिकट, वापस लौटने लगे है मुंबईया बाबू
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जौनपुर। उद्योगपति से विधायक बनने का सपना लेकर माया नगरी से जौनपुर पहुंचे नेताओ को किसी पार्टी ने टिकट नही दिया। मायूस होकर ये नेता पुनः मुंबई का टिकट कटाने के लिए लाईन में लग चुके है। मुंबईया नेताओ का सबसे अधिक रूझान भाजपा की तरफ था। इन नेताओ ने बीजेपी के कार्यक्रमो में पानी तरह लाखो रूपये और खून पसीना बहाया इसके बदले में उन्हे मायूसी हाथ लगी। बीजेपी ने इन उद्योगपतियों को दरकिनार करते हुए बाहरी नेताओ को चुनाव मैदान में उतार दिया।
लोकसभा चुनाव 2014 में चली मोदी आंधी में जहां पूरे देश में कमल खिल गया। इस तुफान में मुंबई के उद्योगपति हरिबंश सिंह प्रतापगढ़ जिले के सांसद चुने गये। हरिबंश सिंह इसके पहले कभी कांग्रेस तो कभी सपा का टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन जनता ने उन्हे अपना नेता नही चुना था। 2014 लोकसभा उन्हे सफलता मिलने के बाद से करीब आधा दर्जन से अधिक मुंबई के उद्योगपति विधायक बनने का सपना लेकर अपने गृह जनपद का रूख कर दिया। विभिन्न उद्योगो के माध्यम से कमाई गयी अकूत सम्पत्ति से ये लोग करीब एक वर्ष तक जौनपुर की राजनीत के पहले पावदान पर पहुंच गये। जिसके कारण स्थानीय नेताओ में मायूसी छाने लगी थी। यहां के नेता उनकी चमक धमक देखकर अपने कदम को पिछे खिचने लगे थे। लेकिन टिकट बाटने का समय आया तो पार्टी के शीर्ष नेताओ ने मुंबईया नेताओ को दर किनार कर दिया। पिछले विधानसभा में मुंगराबादशाहपुर सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रमेश मिश्रा को बदलापुर सीट पर अपना प्रत्याशी बना दिया। कभी भाजपा कभी दूसरे दल से शाहगंज सीट पर चुनाव लड़ने वाली अनीता रावत को मछलीशहर सीट पर उतार दिया। एमएलसी चुनाव से पहले सपा की राजनीत करने वाले सतीश सिंह को मल्हनी से टिकट थमा दिया गया। एक वर्ष पहले सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति दिनश चैधरी को केराकत से टिकट मिल गया। सदर सीट पर जमीनी नेता गिरीश चंद्र यादव जफराबाद से डा0 हरेन्द्र सिंह मुंगराबादशाहपुर से विधायक सीमा द्विवेदी को टिकट मिला है। मड़ियाहूं सीट अपना दल के खाते में और शाहगंज को भारतीय समाज पार्टी को भाजपा ने दिया है।
ऐसे में एक भी मुंबईया बाबू को टिकट न मिलने कारण वे लोग वापस माया नगरी का रूख कर रहे है।
लोकसभा चुनाव 2014 में चली मोदी आंधी में जहां पूरे देश में कमल खिल गया। इस तुफान में मुंबई के उद्योगपति हरिबंश सिंह प्रतापगढ़ जिले के सांसद चुने गये। हरिबंश सिंह इसके पहले कभी कांग्रेस तो कभी सपा का टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन जनता ने उन्हे अपना नेता नही चुना था। 2014 लोकसभा उन्हे सफलता मिलने के बाद से करीब आधा दर्जन से अधिक मुंबई के उद्योगपति विधायक बनने का सपना लेकर अपने गृह जनपद का रूख कर दिया। विभिन्न उद्योगो के माध्यम से कमाई गयी अकूत सम्पत्ति से ये लोग करीब एक वर्ष तक जौनपुर की राजनीत के पहले पावदान पर पहुंच गये। जिसके कारण स्थानीय नेताओ में मायूसी छाने लगी थी। यहां के नेता उनकी चमक धमक देखकर अपने कदम को पिछे खिचने लगे थे। लेकिन टिकट बाटने का समय आया तो पार्टी के शीर्ष नेताओ ने मुंबईया नेताओ को दर किनार कर दिया। पिछले विधानसभा में मुंगराबादशाहपुर सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रमेश मिश्रा को बदलापुर सीट पर अपना प्रत्याशी बना दिया। कभी भाजपा कभी दूसरे दल से शाहगंज सीट पर चुनाव लड़ने वाली अनीता रावत को मछलीशहर सीट पर उतार दिया। एमएलसी चुनाव से पहले सपा की राजनीत करने वाले सतीश सिंह को मल्हनी से टिकट थमा दिया गया। एक वर्ष पहले सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति दिनश चैधरी को केराकत से टिकट मिल गया। सदर सीट पर जमीनी नेता गिरीश चंद्र यादव जफराबाद से डा0 हरेन्द्र सिंह मुंगराबादशाहपुर से विधायक सीमा द्विवेदी को टिकट मिला है। मड़ियाहूं सीट अपना दल के खाते में और शाहगंज को भारतीय समाज पार्टी को भाजपा ने दिया है।
ऐसे में एक भी मुंबईया बाबू को टिकट न मिलने कारण वे लोग वापस माया नगरी का रूख कर रहे है।