नुकसान पहुंचा सकता है बागियों पर भरोसा
https://www.shirazehind.com/2017/01/blog-post_423.html
जौनपुर। बागियों पर भरोसा भाजपा में अंतर्कलह मचा सकता है। जनपद की नौ विधान सभा सीटों पर सात प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही खाटी कार्यकर्ताओं में कानाफूसी तेज़ हो चली है। बेस वोट को छोड़ दें तो खाटी कार्यकर्ताओं की तिरछी नजर हलचल का सबब बन सकती है। छुटपुट अंतर्कलह भी सूबे में परिवर्तन के लिए घातक साबित होगी। यह गले में फांस सरीखा है। पार्टी आला अधिकारियों ने बगावती तेवर रखने वाले इन खाटी कार्यकर्ताओं के मान-मनोवल का निर्देश जारी कर चुकी है। देखना यह है कि भाजपा के जिला पदाधिकारी इस कसौटी पर कितना खरा उतरते हैं। हालांकि, पार्टी की ओर से ऐसी किसी अटकलबाजी से साफ इंकार किया जा रहा है। उनका मानना है कि पार्टी संगठित है और चुनाव को कमर कस चुकी है।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जनपद की नौ विधान सभा सीटों में सात प्रत्याशियों की सूची जारी की। इनमें सदर, मल्हनी, मछलीशहर, बदलापुर, केराकत, जफराबाद और मुंगराबादशाहपुर विधान सभा सीट हैं। घोषित उम्मीदवारों में से चार पर बागी की मुहर है। ऐसे में पार्टी ने आधे से ज्यादा बाहरियों पर दांव लगाया। मुंगराबादशाहपुर, जफराबाद और सदर के प्रत्याशी शुरू से ही भाजपा का दामन थामे हैं। सदर उम्मीदवार गिरीश यादव हमेशा से किसी चुनाव में की -रोल की भूमिका निभाते चले आये हैं। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह को जीत दिलाने में अहम किरदार निभाया था। इस बार अधिवक्ता गिरीश पर दांव लगा भाजपा ने यादव कार्ड बखूबी खेला। मुंगरा से तीन बार लगातार विधायक रह चुकी सीमा द्विवेदी अपने सीट के अलावा सटे अन्य विधान सभा क्षेत्र को भी प्रभावित करती हैं। उनकी तेज तर्रार छवि से भाजपा को लाभ मिलेगा। डॉ हरेंद्र प्रताप सिंह को जफराबाद विधान सभा से उम्मीदवार बनाना उन्हें सम्मानित करने सरीखा रहा। इन तीन प्रत्याशियों ने बुरे वक्त में भी भाजपा का दामन नहीं छोड़ा।केराकत सीट से पार्टी ने हाल में ही भाजपा से जुड़ने वाले दिनेश चौधरी पर दांव लगाया है। इनकी पत्नी शारदा चौधरी सपा से जनपद की प्रथम नागरिक रह चुकी हैं। गत साल त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के पद पर उन्हें करारी शिकस्त मिली थी। इसी के बाद दिनेश चैधरी ने भाजपा का भगवा पहना था। पूर्व ब्लॉक प्रमुख रमेश मिश्र ने भी गत साल भाजपा की पताका थामी। वह 2012 के विधान सभा चुनाव में मुंगरा विधायक सीमा द्विवेदी के खिलाफ लड़ चुके हैं। बीजेपी ने उन्हें बदलापुर से प्रत्याशी घोषित किया है। मल्हनी से घोषित उम्मीदवार सतीश सिंह ने भी हाल में ही भाजपा का दामन थामा है। प्रतापगढ़ के बाहुबली विधायक राजा भैया का करीबी होने के नाते वह सपा की सियासत करते रहे। रही बात मछलीशहर विधान सभा सीट की। यहां से अनीता रावत को हरी झण्डी मिली है। वह भी एक बार बीजेपी को अपने बगावती तेवर दिखा चुकी हैं। 2012 के चुनाव में उन्होंने भारतीय समाज पार्टी चुनाव लड़ा था। अगर इन बागियों ने नाते अंतर्कलह नहीं हुआ जातिगत तरीके से आल इज़ वेल स्तिथि है। बीजेपी को परिवर्तन के लिए आपसी सामंजस्य की जरूरत होगी।