केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ेंगे दवा व्यवसायी
https://www.shirazehind.com/2017/01/blog-post_408.html
जौनपुर।
थोक दवा व्यवसाय में फार्मासिस्ट अनिवार्य किये जाने के केन्द्र सरकार के
कदम का पूरे जनपद में व्यापक विरोध है। जनपद का दवा व्यवसायी जहां एक तरफ
इस फैसले को लेकर आंदोलन के मूड में हैं तो दूसरी तरफ अपने भविष्य को लेकर
भी भयजदा हो गया है। इसी क्रम में केमिस्ट एण्ड कास्मेटिक वेलफेयर एसोसिएशन
ने बैठक करके सरकार के इस फैसले का मुखर विरोध करने का फैसला किया है। इस
मौके पर सचिव राजेन्द्र निगम ने कहा कि ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की
सिफारिशों को एकतरफा लागू करने का जबर्दस्त विरोध किया जायेगा। संगठन के
एक्शन कमेटी के चेयरमैन प्रमोद जायसवाल ने कहा कि पूरे देश में मौजूद
रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट सरकारी सेवाओं, औषधि निर्माण और फुटकर दवा व्यवसाय
की भी जरूरत पूरी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में थोक दवा व्यवसाय में इनकी
अनिवार्यता आवश्यकता आपूर्ति संतुलन को बिगाड़ करके रख देगी। इससे न केवल
थोक दवा व्यवसाय की प्रगति अवरूद्ध करेगा, बल्कि दूसरे आवश्यक क्षेत्रों
में भी विशेषज्ञों की कमी का सामना करना पड़ेगा। अन्त में संयोजक दिलीप
गुप्ता ने आह्वान किया कि दवा व्यवसायी इस अधिसूचना के खिलाफ सक्रिय
भागीदारी सुनिश्चित करें। रिटेलर्स फोरम के अध्यक्ष धु्रव जायसवाल ने कहा
कि दवा व्यवसाय में फार्मासिस्ट जबर्दस्ती थोपे गये हैं। आज पूरे दवा
व्यवसाय में फार्मासिस्ट की उपयोगिता नहीं रह गयी है। इस अवसर पर अध्यक्ष
राजय यादव, राजेन्द्र निगम, चेयरमैन महेन्द्र गुप्ता, अमित मौर्या, सुबाष
मौर्या, इरफान अहमद, भूपेन्द्र सिंह, अश्वनी सिंह, धर्मेन्द्र गुप्ता, हरीश
त्रिपाठी, संतोष मौर्या, सुनील चौरसिया के अलावा तमाम व्यापारी उपस्थित
रहे।