संसाधनों से मात खा रही जायद की खेती

जौनपुर। जनपद के किसानी के सामने चुनौतियां तो कई हैं लेकिन पर्याप्त सिचाई संसाधन न होना प्रमुख समस्याएं हैं। यही कारण है कि जायद फसल छोटे ही क्षेत्रफल में सिमटकर रह गई है। जबकि गर्मी के दिनों में जब खेत खाली रहते हैं उस दौरान उड़द, मूंग व सब्जी फसलों के उत्पादन से अन्नदाताओं को आमदनी बढ़ाने का एक जरिया मिल सकता है।जिले  में मुख्य रूप से खरीफ व रबी फसलों की बुआई होती है। कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां साल में एक बार ही किसान फसल ले पाते हैं। गर्मी के दिनों में जायद को बढ़ाने के लिए चर्चा तो खूब होती है पर अभी तक आच्छादन क्षेत्रफल का जो आंकड़ा है वह रबी व खरीफ की तुलना में न के बराबर है। कृषि विभाग महज 5 हजार हेक्टेअर से कम में ही सिमटा है जबकि उद्यान विभाग अभी दो सौ हेक्टेअर की बागवानी भी ठीक से पूरी नहीं कर पाया। हालांकि विभाग का दावा है कि जायद का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए बराबर प्रयास चल रहे हैं।   बुजुर्ग के उन्नतशील किसान राम अछैवर मौर्य कहते हैं कि सरकारी योजनाएं अगर किसानों के हितों में होती तो वे लाचार न होते। पुरानी परंपराओं को छोड़कर सरकार के भरोसे रहने से ऐसा हो रहा है।
वैसे जब गर्मी के दिनों में खेत खाली रहते हैं तो उस समय जायद की पैदावार की जा सकती है लेकिन ¨सचाई के पर्याप्त साधन न होने एवं अन्नाप्रथा के कारण बहुत से किसान चाहकर भी उड़द, मूंग, सब्जी जैसी फसलों व बागवानी का काम नहीं कर पा रहे। वैसे तो उद्यान विभाग द्वारा बुंदेलखंड के लिए विशेष बागवानी के लिए योजना चलाई जा रही है। इसका धरातल पर किसानों को कितना लाभ मिलेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

Related

news 1466260871399139260

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item