यदि बाल श्रमिक पकडे गये तो मालिक जायेंगे जेल : A D M

जौनपुर। अपर जिला अधिकारी वि0रा0 उमाकान्त त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय बाल कल्याण समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया कि 27 दिसम्बर से 15 दिवसीय बाल श्रम निरीक्षण बाल एवं किशोर श्रम उत्सादन एवं विनियमन अधिनियम 1986 के अन्तर्गत निरीक्षण किया जायेगा। निरीक्षण के लिए अपर जिलाधिकारी द्वारा समस्त तहसीलों में जिसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी, नायब तहसीलदार, खण्ड शिक्षाधिकारी की निरीक्षण टीम गठित की गयी है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि प्रतिदिन पुलिस बाल के साथ निरीक्षण की प्रगति अपर जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराये। श्रमायुक्त बीएन दुबे ने बताया कि बाल श्रमिकों की आयु अब 14 वर्ष से 18 वर्ष तक निर्धारित कर दी गयी है अर्थात 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे के लिए दुकान, जलपान गृह, होटल/ढाबा, ईट भट्ठा एवं अन्य किसी भी प्रतिष्ठान/अधिष्ठान में कार्य करते हुए पाये जाने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी। अधिनियम में यह व्यवस्था है कि बाल श्रमिकों के नियोजित पाये जाने पर सेवायोजक के विरूद्ध 50 हजार तक जुर्माना या दो वर्ष तक का कारावास अथवा दोनो प्रकार के दण्ड से न्यायालय द्वारा दण्डित किया जायेगा। शादी-व्याह में लाईट आदि की व्यवस्था में भी बालकों का नियोजन निषिद्ध है। अपर पुलिस अधीक्षक नगर कमलेश दीक्षित ने प्र0 एएचटीयू आर बी कुशवाहा को निर्देशित किया कि सभी थानाध्यक्षों से बाल श्रमिकों का कार्य कराने वालों की सूची उपलब्ध कराये ताकि उनको नोटिस तामिल कराया जा सके। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी पवन कुमार यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी शिवेन्द्र सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी एस.एन. सिंह, एन.के.सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी, ग्राम विकास सेवा समिति, एसोसिएशन फॉर पीपुल्स एक्शन के सचिव भी उपस्थित रहे।

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