श्रीमद्भागवत कथा के ज्ञान यज्ञ का हुआ समापन
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जौनपुर।
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि मैं जिसके ऊपर कृपा करता हूं, उसके धन को
धीरे-धीरे हर लेता हूं। सगे-सम्बन्धियों से यदि सहायता मिले तो उसमें भी
विध्न उत्पन्न कर ही लेता हूं। उक्त विचार डा. रजनीकांत द्विवेदी ने पुरानी
बाजार में आनन्द मिश्र के यहां आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के ज्ञान यज्ञ के
समापन अवसर पर श्रीकृष्ण व सुदामा जी के चरित्र का वर्णन करते हुये व्यक्त
किया। बीते 20 दिसम्बर से चल रहे कथा का समापन यजमान आनन्द मिश्र सहित अन्य
श्रोताआंे द्वारा व्यास पूजन के साथ हुआ। इस अवसर पर मधुकर चतुर्वेदी,
अरूण त्रिपाठी, मनोज चतुर्वेदी, शशांक सिंह रानू, निखिलेश सिंह, मोती लाल
यादव, यादवेन्द्र चतुर्वेदी, मिलन चतुर्वेदी, बसंत प्रजापति, मनीषदेव, संजय
पाठक, निशाकांत द्विवेदी, अभिषेक पाठक, धीरेन्द्र चतुर्वेदी, रामसकल
पाण्डेय, राजेश्वर, आनन्द तिवारी, उजागिर, सुरेश गुप्ता, शनि, अभिषेक
गुप्ता, रीतेश गुप्ता, मृत्युंजय द्विवेदी आदि लोग उपस्थित रहे।