आयकर के रडार पर बैक में जमाकर्ता
https://www.shirazehind.com/2016/11/blog-post_656.html
जौनपुर। पांच सौ और एक हजार के नोटों की बंदी के बाद बंडल बनाकर बैंकों में जमा करने वाले आयकर विभाग के रडार पर आ गए हैं। बचत खाता में 2.50 लाख और चालू में 12.50 लाख रुपये जमा होने पर आयकर विभाग को सूचना देनी होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिसूचना में बैंक अथवा बैकिंग का काम करने वाली वित्तीय संस्थाओं और डाक घर में रुपये जमा करने की सीमा निर्धारित कर दी है। बचत खाता में किसी एक दिन में 50 हजार अथवा उससे अधिक की राशि जमा करने या नौ नवंबर से 30 दिसंबर तक की अवधि में कुल ढाई लाख रुपये अथवा उससे अधिक रकम जमा करने पर सूचना आयकर विभाग को देनी होगी। इसी तरह चालू खाता धारकों के मामले में नौ नवंबर से 30 दिसंबर तक की अवधि में 12.50 लाख अथवा अधिक राशि एक ही व्यक्ति के एक अथवा कई चालू खातों में जमा करने पर सूचना देनी होगी। बोर्ड ने इसके साथ ही स्पष्ट किया है कि चालू खाता के अलावा खाता धारकों के एक या अधिक खातों में अधिकतम 2.50 लाख या अधिक राशि जमा करने पर भी बताना होगा। कर विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोट बंदी की घोषणा के साथ ही खातों में पैसा जमा करने की सीमा निर्धारित कर दी थी, किंतु बोर्ड ने और भी स्पष्ट कर दिया है कि बचत और चालू खातों में कौन कितनी राशि जमा कर सकता है।बोर्ड को यह सारी बंदिशें पहले दिन ही घोषित करनी चाहिए थीं। योजना शुरू होने के हफ्ते भर बाद इस तरह का सर्कुलर जारी करने का कोई औचित्य नहीं है। इस अवधि में तमाम लोगों ने अधिक राशि भी जमा कर दी है। यह तो एक तरह से करदाताओं का उत्पीड़न है