अचल हरीमूर्ति ने छात्राध्यापकों को बताया योग का गुर
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जौनपुर।
उच्च कोटि की साधना पद्धति के साथ चिकित्सा क्षेत्र में अपनी विशिष्ट
पहचान बना सकी प्राचीनतम विद्या योग को प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों में
पहुंचाने के उद्देश्य से यूजीसी द्वारा निर्धारित योग के क्रियात्मक व
सैद्धांतिक पाठ्यक्रमों के अनुसार रामदेव महाविद्यालय में चल रहे 5 दिवसीय
योग प्रशिक्षण शिविर में छात्राध्यापकों को योग के क्रियात्मक व सैद्धांतिक
अभ्यासों को प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति द्वारा दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण में विभिन्न उम्र में उपयोगी व रोगानुसार विविध प्रकार के आसनों,
व्यायामों व प्राणायामों को बताया जा रहा है जिसका नियमित और निरन्तर
योगाभ्यास कराके सभी विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य के साथ उसमें
सन्निहित अधिकतम चेतना का विकास किया जा सके। सैद्धांतिक अभ्यासों के क्रम
में अष्टांग योग, जैविक चक्रों के साथ पतंजलि योग सूत्रों का आज के परिवेश
में उपयोगिता बतायी जा रही है। क्रियात्मक अभ्यासों में भस्त्रिका, कपाल
भाति, अनुलोम-विलोम, बाह्य प्राणायाम, अग्निसार, नौलिक्रिया सहित विभिन्न
प्रकार के सरल व जटिल आसनों को बताते हुये ध्यान व योग निद्रा का अभ्यास
कराया जा रहा है। इस अवसर पर शिविर प्रभारी डा. महेन्द्र प्रताप यादव, समर
बहादुर, कुमार, सुरेन्द्र नाथ यादव के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।