बैक खुलने से पहले लम्बी कतारें
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जौनपुर। एक हजार और पांच सौ रुपये के नोट बंद होने के बाद बुधवार को बैंक व एटीएम खुलने से पहले ही लोगों की कतारें लग गईं। लोगों को रुपये जमा करने और निकालने में ही पूरा दिन बीत गया। इस बीच कई जगह धक्कामुक्की भी हुई, जिससे लोगों के बीच झड़पें हो गईं। कई बैंकों में गार्ड से भी मारपीट की घटनाएं सामने आईं। वहीं, बैंकों और एटीएम के बाहर लाइनों में खड़े लोगों की मदद के लिए कई स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों ने लोगों की मदद की। चाय, पानी, फल आदि का वितरण किया।
मोदी सरकार की ओर से आठ नवंबर की मध्यरात्रि से एक हजार और पांच सौ रुपये के नोट बंद कर दिए गए हैं। इसके बाद से ही बैंकों और पोस्ट आफिस में लोगों की भीड़ बढ़ गई हैं। नोट जमा करने, निकालने और बदलने के लिए कतारें लगने लगी हैं। भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैक आफ इण्डिया, जिला सहकारी बैंक, प्रथमा बैंक आदि बैंकों और शाखाओं में लोगों की लाइनें लग गईं। महिलाओं और पुरुषों की अलग अलग लाइनें लगीं। लोग सुबह सात बजे से ही लाइनें लगाकर खड़े हो गए। ऐसे में जब बैंक खुले, तब ही कतारें काफी लंबी हो गईं थी। राधा रोड पर तो वाहनों और ग्राहकों की लाइन की वजह से जाम लग गया। दिनभर इंतजार के बाद लोगों का लेनदेन हो सका। इस दौरान भीड़ अधिक होने की वजह से लोगों के बीच झड़पें भी हुईं। भीड़ को नियंत्रित कर रहे गार्डों से भी मारपीट तक हो गई। उधर, बैंकों में लगने वाली भीड़ को देखते हुए तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं ने लोगों की मदद को कमान संभाल ली है। स्वयंसेवकों ने विभिन्न बैंक शाखाओं पर पहुंचकर सुबह से कतारों में खड़े लोगों को जलपान कराया। इससे लोगों को काफी राहत मिली।