व्यायाम और प्राणायाम की दी जानकारी
https://www.shirazehind.com/2016/11/blog-post_385.html
जौनपुर । वैश्विक स्तर पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बना चुकी भारत की प्राचीनतम विद्या योग को प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों में पहुँचाने के उद्देश्य से यूजीसी द्वारा निर्धारित योग के क्रियात्मक और सैद्धांतिक पाठ्यक्रमों के अनुसार राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय में चल रहे पाँच दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर में छात्राध्यापकों को योग के क्रियात्मक व सैद्धांतिक अभ्यासों को प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति व प्रशिक्षक संतोष संघर्षी और विजय जायसवाल के द्वारा दिया जा रहा है।प्रशिक्षण में भिन्न-भिन्न उम्र में उपयोगी व रोगानुसार विविध प्रकार के आसनों,व्यायामों व प्राणायामों को बताया जा रहा है जिसका नियमित और निरन्तर योगाभ्यास कराके सभी विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उसमें सन्निहित अधिकतम चेतना का विकास किया जा सके।सैद्धांतिक अभ्यासों के क्रम में अष्टांग योग, जैविक चक्रों के साथ साथ पतंजलि योग सूत्रों का आज के परिवेश में उपयोगिता बताई जा रही है।क्रियात्मक अभ्यासों में भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, वाह्य प्राणायाम, अग्निसार व नौलिक्रिया सहित विभिन्न प्रकार के सरल व जटिल आसनों को बताते हुए ध्यान और योग निद्रा का अभ्यास कराया जा रहा है।इस मौके पर शिविर प्रभारी डा अंजनी मिश्र,डा एन के सिंह, डा के एस पाण्डेय,डा विभा सिंह, डा दिवाकर सिंह व डा रवि सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।