मुफ्त उपचार का दिलासा झूठा साबित
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जौनपुर। एक ओर जहां सपा सरकार दवायें व इलाज मुफ्त प्रदान करने का हर संभव प्रयास कर रही है वही सरकारी अस्पलालों में सुविधाओं के नाम पर खेल किया जा रहा है। सरकार ने लोगो को भरोसा दिया था कि अत्याधुनिक उपकरणों से उपचार निःशुल्क कराया जायेग। लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात। सरकार का दिलासा मरीजो के सामने झूठा साबित हुआ। उन्हे तो उपचार की उम्मीद थी लेकिन सपा की सरकार में हालत में सुधार नहीं हुआ। सामुदायिक और प्राथमिक केन्द्र सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। रोगियों की संख्या में इजाफा भी हो रहा है। अधिकांश इस प्रकार के अस्पतालो में लगे आधुनिक उपकरण तमाशा बने हुए हैं। प्राइवेट जांच केन्द्र पर मरीजो को भेजकर कमीशन खोरी की जा रही है। गरीबो की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोक दी। फिर भी उसका ख्वाब अधूरा रह गया। खूबसूरत अस्पताल की इमारतो से आधुनिकता की झलक जरुर दिखी। लेकिन विभागीय लोगो मर्ज को दूर करने में पूरी तरह से विफल साबित हुए। कहीं वार्ड व्याय अस्पताल चलाता मिल जायेगा तो कहीं फार्मासिस्ट ही चिकित्सक का काम निपटा रहा होता पाया जा सकता है। इसी का नजीजा है कि ग्रामीणांचलो के मरीज शहर में उपचार के लिए नहीं दौड़ते। दरअसल स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से भ्रष्टाचार व मनमानी का पर्याय बन गया है। महकमे के अफसर मोटी रकम वसूलकर सरकार की मंशा पर पानी फर रहे हैं।