चाईना के सामानो का विरोध , कुम्भारों के आए अच्छे दिन
https://www.shirazehind.com/2016/10/blog-post_696.html
जौनपुर। दीपावली करीब आते ही हर घरो में तैयारियां शुरू हो गयी है। पटाखा, मिठाईयों और कपड़ो की बाजार सजने लगी है। इस बार कुम्भारो की दीपावली कुछ अच्छी दिख रही है। इसका मुख्य कारण है कि उड़ी आतंकी हमले के बाद देश की जनता ने चाईना के सामानो का विरोध करने का ऐलान कर दिया। इस बार जौनपुर की जनता अपने घरो पर चाईनिज झालर न लगाकर बल्की घी के दीपक जलाने का फैसला किया है। लोग कुम्भारो को आर्डर देकर दीपक बनवा रहे है।
कई वर्षो से धीमी पड़ चुकी कुम्भारो की चाक की रफ्तार इस बार काफी तेजी से चल रही है। दिन हो रात हर समय चाक की रफ्तार थमने का नाम नही ले रही है। दीपावली करीब है दीपक बनाने का आर्डर बहुत है। इस लिए कुम्भार पूरी मेहनत से दीया बनाने में जुट गये। बचपन से लेकर आज तक इसी चाक पर मिट्टी के बर्तन दीया समेत खिलौने बनाने वाले कुम्भार ने कहा कि जबसे भारत में चाईना झालर खिलौने आया था तब से लेकर हमारे चाक की रफ्तार काफी धीमी हो गयी थी। लोग चाइनिज सामानो का इस्तेमाल करते थे।लेकिन इस बार आतंकवादी हमले के बाद हमारे देश की जनता ने चाईना के सामानो का बहिष्कार करने का फैसला किया तो मरी चुकी हमारी रोजी रोट फिर से जिन्दा हो गयी है। पहले हम लोग घर घर जाकर दीया पहुंचाने के बाद भी कोई नही लेता था लेकिन इस बार तो हमारे घर पर आकर लोग आर्डर दे रहे है।
कई वर्षो से धीमी पड़ चुकी कुम्भारो की चाक की रफ्तार इस बार काफी तेजी से चल रही है। दिन हो रात हर समय चाक की रफ्तार थमने का नाम नही ले रही है। दीपावली करीब है दीपक बनाने का आर्डर बहुत है। इस लिए कुम्भार पूरी मेहनत से दीया बनाने में जुट गये। बचपन से लेकर आज तक इसी चाक पर मिट्टी के बर्तन दीया समेत खिलौने बनाने वाले कुम्भार ने कहा कि जबसे भारत में चाईना झालर खिलौने आया था तब से लेकर हमारे चाक की रफ्तार काफी धीमी हो गयी थी। लोग चाइनिज सामानो का इस्तेमाल करते थे।लेकिन इस बार आतंकवादी हमले के बाद हमारे देश की जनता ने चाईना के सामानो का बहिष्कार करने का फैसला किया तो मरी चुकी हमारी रोजी रोट फिर से जिन्दा हो गयी है। पहले हम लोग घर घर जाकर दीया पहुंचाने के बाद भी कोई नही लेता था लेकिन इस बार तो हमारे घर पर आकर लोग आर्डर दे रहे है।