दुनियां के दस देशो में पढ़ी जा रही है शिराज ए हिन्द डाॅट काम की खबरे



जौनपुर। प्रिय पाठको दोस्तो एवं शुभचितंको आप लोगो के सहयोग स्नेह और प्यार की बदौलत आज शिराज ए हिन्द डाॅट काम (www.shirazehind.com ) दुनियां के दस देशो में पढ़ा जाने लगा है। जिसका परिणाम है जौनपुर की सामाजिक, सांस्कृति, ऐतिहासिकता और प्रतिदिन की गतिविधियां दुनियां भर में पहुंचने लगी है। इसमें सबसे अहम रोल है जौनपुर की सरजमी पर जन्मे और अपना कार्य क्षेत्र मुंबई, पूना और लखनऊ को बनाने वाले मो0 मासूम है। वे इस वेब साइट की नीव की सबसे मजबूत स्तंभ है। सबसे पहले हम आप को मासूम साहब से आप लोगो तारूफ कराते है। मासूम नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के बाजार भुआ (पानदरीबा ) मोहल्ले के रहने वाले है। वे जिले के एक बड़े जमीनदार घराने का ऐसा चिराग है जो जौनपुर का नाम पूरी दुनियां में रौशन कर रहे है। इनके वालिद साहब रेलवे में इंजिनियर रहे। इसी कारण से उनकी शिक्षा दीक्षा लखनऊ में हुई। तालिम लेने के बाद वे मुंबई में एक बैंक में मैनेजर पद पर कार्य करते रहे। बचपन से ही जौनपुर से बाहर रहे इसके बाद भी मासूम साहब को हमेशा अपनी जन्म भूमि पुकारती रही है। वे हर वख्त जौनपुर का नाम दुनियां भर में पहुंचाने के लिए चिंतित रहते थे। उन्होने इस काम करने के लिए हमारा जौनपुर और जौनपुर सिटी डाॅट इन नाम से वेब साइट खुद से तैयार करके जौनपुर की ऐतिहासिक इमारतो समाजिकता और सास्कृतिक कार्यक्रमो को पोस्ट करना शुरू कर दिया। उनके प्रयास से गुगल के सर्च इंजन तक जिले का नाम पहुंच गया। इसी बीच वे फेसबुक पर हमारे मित्र बन गये। मेरे द्वारा फेसबुक पर पोस्ट होने वाली खबरो को पढ़कर वे मुझे एक वेबसाईट बनाने का मसवीरा दिया। पहले तो मैने सोचा कोई ऐसा बंदा आ गया है जो मुझे लालीपाप देकर चुना लगाना चाहता है क्योंकि मै उनसे कभी रूबरू नही हुआ था केवल फेसबुक पर ही चैट हो रही थी। मेरी भ्रांतियां 28 जुलाई 2013 को दूर हो गयी। मुझे अच्छी तरह से याद है कि उनका फोन करीब नौ बजे सूबह मेरे पास आया। उन्होने मुझसे कहा कि राजेश भाई आप कहा पर हो मै जौनपुर आया हूं आप से मुलाकात करना जरूरी है। मैने उन्हे कहा कि मै टीडी कालेज के पास अनुपम होटल के पास हूं उन्होने जवाब दिया कि मै आधे घंटे के भीतर पहुंच रहा हूं। वे कुछ देर बाद रिक्से पर सवार होकर मेरे पास आये पहले हम दोनो एक दूसरे का खैरमखदम पुछा उसके बाद मासूम भाई ने कहा कि आज मै आप की वेबसाइट बनाने के लिए आया हूं। मैने सोचा कि वेबसाइट बनाने के लिए बीस हजार रूपये से लेकर तीस हजार रूपये मांगते है इतने पैसे मेरे पास नही है कैसे इनसे पिछा छुड़ाया जाय यह सब सोच ही रहा था कि मासूम भाई ने कहा कि राजेश कहा खो गये। चलो किसी साइबर कैफे पर मैने कहा कि भाई जान मेरे पास इस समय पैसे नही है उन्होने मुझे अपने छोटे भाई तरह डाॅट लगाते हुए कहा कि आप क्यो ऐसी बात करते हो मै तुमसे पैसा नही लूंगा। हमने पुछा ऐसा क्यो उन्होने कहा कि राजेश मुझे जौनपुर को दुनियां में पहचान दिलाना है। मै जौनपुर में रहता नही हूं आप यहां पर हो पत्रकारिता करते हो आप के फेसबुक के माध्यम से हमारे पास जिले की सारी खबरे पहुंचती है। आप जौनपुर को दुनियां तक पहुंचाने मे मेरी मदद कर सकते हो। उसके बाद मै उन्हे अपने दफ्तर लाया। वे डोमिन बुक करते समय मुझसे पुछा वेबसाइट का क्या नाम रहेगा मैने तुरंत कहा कि शिराज ए हिन्द डाॅट काम (www.shirazehind.com ) मेरा जवाब सुनते ही उन्होने कहा कि यह नाम क्यो चुना मैने उन्हे जवाब दिया कि यदि आपको अपने मकसद में कामयाब होना है तो यही नाम ठीक रहेगा। क्यों आप हमारा जौनपुर और जौनपुर सिटी डाॅट इन नाम से वेबसाइट चला ही रहे है। जौनपुर को शिराज ए हिन्द का खिताब शर्की शासनकाल में मिला है। इस लिए यह नाम सटीक रहेगा। उसके बाद उन्होने इस नाम पर अपनी मुहर लगाते हुए वेब साइट बना दिया। मासूम ने मुझे करीब दो घंटे तक साइट पर खबरे और फोटो को पोस्ट करना सिखाया। उसके बाद से शिराज ए हिन्द डाॅट काम अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ा। आज शिराज ए हिन्द डाॅट काम मात्र तीन वर्षो में दुनियां के दस देशो में पढ़ी जा रही है। इस में मुख्य रूप से सहयोग करने वालो में तेजस टू डे ग्रुप के रामजी जायसवाल, अंकित जायसवाल मीडिया सेन्टर के शशिराज सिन्हा ,इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथी राजकुमार सिंह, अजीत सिंह, मो0 अब्बास, हसनैन कमर दीपू ,आरिफ हुसैनी ,दीपक श्रीवास्तव, कुवर नीतिश, अभिषेक श्रीवास्तव समेत समस्त इलेक्ट्रानिक मीडिया और प्रेस फोटो ग्राफर है। सभी इस वेब साइट को आगे बढ़ाने अपना योगदान दे रहे है। आज तक कुल पाठको की संख्या 25 लाख चालिस हजार पार कर चुका है।

1- भारत में पाठको सख्या 18 लाख 80 हजार 598 है।
2-अमेरिका युनाइटेड स्टेट में 2 लाख 2दो हजार 493 है।
3-सऊदी अरब में 1 लाख आठ हजार 331 है।
 4-सऊदी अरब अमिरात में 85 हजार 87 पाठक है।
5- स्पेन में 19 हजार 577 है।
6- इजराइल में 15 हजार 262 है।
 7-कुवैत में 13 हजार 760 पाठक है।
8- कतर में 9 हजार 833 है।
 9- इण्डोनेशिया 4 हजार 941 है।
10- फिलिपिंस में 4हजार 328 पाठको की संख्या पहुंच गयी है।

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  1. बहोत खुसी की बात है मैं आशा करता हूँ की ये दुनिया के हर कोने में पढ़ी जाये मेरी शुभ कामनाएं आप के साथ है ।। पर सर मेरा एक सवाल है कि आप की पोस्ट हिंदी में है तो यहाँ के लोगो को हिंदी आती नही और भारत से यहाँ कोई काम करने जाता नही तो वो पढ़ते कैसे है

    फिलीपींस
    इंडोनेशिया
    इजराइल
    स्पेन

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