पति के शहीद होने से जादा दर्द दे रहे है एसबीआई के अधिकारी, कर्मचारी
https://www.shirazehind.com/2016/09/blog-post_978.html
जौनपुर। एक तरफ पूरा देश उडी के आतंकी हमले में शहीद हुए जवान श्रद्धाजंलि दे रहा है। वही सेना के जवानो ने पाकिस्तान की सीमा घुसकर 36 आतंकवादियों को मारकर अपने साथियों की शहादत का बदला लिया है। आज पूरा देश शहीद और आतंकवादियों को मारने वाले जवान को तहेदिल से सलाम कर रहा है। लेकिन जौनपुर का भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के अधिकारी कर्मचारी उड़ी के शहीद राजेश सिंह की पत्नी और उनके भाई को पिछले दो दिनों से बैंक का चक्कर कटवा रहे है। बैंक कर्मचारियों की मानवीय संवेदनाएं इस हद तक खत्म हो चुकी है कि पूरे दिन इस काउंटर से उस काउंटर तक चक्कर काटवाते रहे। पानी तक नही पुछा। शहीद की पत्नी को जितना गम अपने पति के मरने का गम नही है उससे कही जादा दर्द बैंक कर्मचारियों ने दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 सितम्बर को जम्मू कश्मीर के उरी में शहीद हुए जिले के भकुरा गांव के राजेश सिंह का भारतीय स्टेट बैंक की सिविल लाइन्स स्थित मुख्य शाखा में खाता था । इसी खाते में जमा धनराशि को निकलवाने के लिए 27 सितम्बर को शहीद के भाई उमेन्द्र सिंह शहीद की पत्नी जुली सिंह को लेकर शाखा में आये । उमेन्द्र सिंह ने शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को बताया कि मुझे 12 बजे दोपहर से 3 बजे तक उन्हें एक टेबल से दूसरे टेबल पर दौड़ाया गया । इस दौरान उन्होंने पैर फ़ैक्चर होने की भी बात अधिकारियों को बताई । लेकिन किसी भी अधिकारी कर्मचारी पर कोई फर्क ही नही पड़ा। इसी बीच उमेन्द्र सिंह ने वाराणसी स्थित आंचलिक कार्यालय में AGM को फोन करके पूरी जानकारी दी । इसके बाद तो पूरे बैंक स्टाफ सक्रिय हो गए । चीफ मैनेजर वरुण खान और पर्सनल मैनेजर गंगवार ने खुद काउंटर पर जाकर कैश जमा कराया और अन्य आवश्यक प्रपत्र भी दिए । उमेन्द्र सिंह द्वारा बार बार पूछने पर बैंक अधिकारियों ने 3 शपथ पत्र व् आवश्यक कागजात के साथ शहीद की पत्नी को भी पुनः बैंक आने के लिए कहा ।
आज उमेन्द्र सिंह शहीद की पत्नी को लेकर बैंक में 12 बजे पहुचे । जब उन्होंने शपथ पत्र और आवश्यक कागजात बैंक अधिकारी को दिया तो कहा गया कि इसमें तो शहीद के पिता का आना आवश्यक है । पत्नी की कोई जरूरत ही नही है ।इस पर बैंक अधिकारीयों की कार्य प्रणाली से उमेन्द्र सिंह को काफी तकलीफ हुई । काम करना तो दूर रहा दो दिन से घण्टों बैंक में बैठाने के बाद भी बैंक अधिकारीयों ने एक गिलास पानी भी पिलाना मुनासिब नही समझा। इससे परिजनों में आक्रोश है वहीँ आम लोग भी स्टेट बैंक की इस कार्य प्रणाली की निंदा कर रहे हैं ।
इस बारे में भारतीय स्टेट बैंक के AGM से बात करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्य पूर्ण बताया ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 सितम्बर को जम्मू कश्मीर के उरी में शहीद हुए जिले के भकुरा गांव के राजेश सिंह का भारतीय स्टेट बैंक की सिविल लाइन्स स्थित मुख्य शाखा में खाता था । इसी खाते में जमा धनराशि को निकलवाने के लिए 27 सितम्बर को शहीद के भाई उमेन्द्र सिंह शहीद की पत्नी जुली सिंह को लेकर शाखा में आये । उमेन्द्र सिंह ने शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को बताया कि मुझे 12 बजे दोपहर से 3 बजे तक उन्हें एक टेबल से दूसरे टेबल पर दौड़ाया गया । इस दौरान उन्होंने पैर फ़ैक्चर होने की भी बात अधिकारियों को बताई । लेकिन किसी भी अधिकारी कर्मचारी पर कोई फर्क ही नही पड़ा। इसी बीच उमेन्द्र सिंह ने वाराणसी स्थित आंचलिक कार्यालय में AGM को फोन करके पूरी जानकारी दी । इसके बाद तो पूरे बैंक स्टाफ सक्रिय हो गए । चीफ मैनेजर वरुण खान और पर्सनल मैनेजर गंगवार ने खुद काउंटर पर जाकर कैश जमा कराया और अन्य आवश्यक प्रपत्र भी दिए । उमेन्द्र सिंह द्वारा बार बार पूछने पर बैंक अधिकारियों ने 3 शपथ पत्र व् आवश्यक कागजात के साथ शहीद की पत्नी को भी पुनः बैंक आने के लिए कहा ।
आज उमेन्द्र सिंह शहीद की पत्नी को लेकर बैंक में 12 बजे पहुचे । जब उन्होंने शपथ पत्र और आवश्यक कागजात बैंक अधिकारी को दिया तो कहा गया कि इसमें तो शहीद के पिता का आना आवश्यक है । पत्नी की कोई जरूरत ही नही है ।इस पर बैंक अधिकारीयों की कार्य प्रणाली से उमेन्द्र सिंह को काफी तकलीफ हुई । काम करना तो दूर रहा दो दिन से घण्टों बैंक में बैठाने के बाद भी बैंक अधिकारीयों ने एक गिलास पानी भी पिलाना मुनासिब नही समझा। इससे परिजनों में आक्रोश है वहीँ आम लोग भी स्टेट बैंक की इस कार्य प्रणाली की निंदा कर रहे हैं ।
इस बारे में भारतीय स्टेट बैंक के AGM से बात करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्य पूर्ण बताया ।
Stat bank wale bade kaam chor hote hai inhe aram jada or kaam kam karna hai
जवाब देंहटाएंStat bank wale bade kaam chor hote hai inhe aram jada or kaam kam karna hai
जवाब देंहटाएंYe sahibat hai Kisi nhi Kam k liye bs bahane hi banaenge
जवाब देंहटाएंShameful , SBI service really not good ,I feel this thing so many time becoz I m also SBI Clint and a defence person.
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